शहर के शासकीय स्कूलों में भी मंडरा रहा खतरा

The danger looming in the government schools of the city
शहर के शासकीय स्कूलों में भी मंडरा रहा खतरा
कटनी शहर के शासकीय स्कूलों में भी मंडरा रहा खतरा

डिजिटल डेस्क, कटनी। ग्रामीण क्षेत्रों में तो शासकीय शाला भवन जर्जर हैं, जिला मुख्यालय के शहर में भी ऐसे स्कूल भवन हैं, जहां बच्चों के सिर पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। वैंकट प्राथमिक  शाला एवं बरगवां में कई साल से जर्जर छप्पर के नीचे कक्षाएं लग रही हैं। जबकि शहर में जिला शिक्षा अधिकारी, बीईओ, बीआरसी स्तर के अधिकारियों का भी मुख्यालय है पर किसी को इन स्कूलों में झांकने की फुरसत नहीं मिली। वेंकट स्कूल में 32 बच्चे दर्ज हैं। वैसे यहां 6 कमरे हैं जिनमें तीन कमरों के छप्पर पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। शेष तीन कमरों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इसी तरह प्राथमिक शालाबरगवां में 140 विद्यार्थियों के लिए आठ कमरे हैं, इनमें छह कमरों केछप्पर जर्जर हो चुके हैं। अच्छी हालत के दो कमरों में 140 बच्चों को किसी तरह बैठाया जा रहा है।
कक्षाओं में रहता है खतरा
अभिभावकों एवं स्थानीय लोगों के अनुसार तेज बारिश और तेज हवा-आंधी चलने पर शालाओं के जर्जर छप्पर कांपने लगते हैं।  पूर्व में कई बार टूटी शीटों के टुकड़े नीचे गिर चुके हैं। बरामदे और कक्षाओं के अंदर बैठे छात्र-छात्राएं कभी भी ऐसी स्थिति में खतरे की जद में आ सकते हैं।
साधूराम स्कूल में भी गिर रहे कवेलू
जानकारों के अनुसार शहर के बीचों बीच स्थित प्राचीन साधूराम स्कूल के प्रथम तल पर कमरों के कवेलू जर्जर है। तेज हवा के समय अक्सर खप्पर नीचे गिरते हैं। ऐसे में स्कूल भवन के आसपास खेलने वाले बच्चों को भी खतरा रहता है। समय-समय पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का आना-जाना स्कूल में बना रहता है। उसके बावजूद भी समस्या निराकरण के लिए कोई प्रयास नहीं होना सभी की समझ से परे है। अभिभावक बताते हैं कि बारिश के मौसम में इन स्कूलों में बच्चों को भेजते समय वे खतरे की आशंका से ग्रसित रहते हैं। हादसे के बाद जागा शिक्षा विभाग, नवीन भवन में लगेंगी कक्षाएं
सात दिन में मांगी जर्जर भवनों की सूची
का प्लास्टर गिरने से 8 छात्रों के घायल होने के बाद शिक्षा विभाग नींद से जागा। अब जर्जर भवनों में कक्षाओं का संचालन नहीं करने की हिदायत दी जा रही है। वहीं खम्हरिया में कक्षा 6 से 10 तक का संचालन नवीन भवन में करने के निर्देश दिए हैं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने एकीकृत हाईस्कूल खम्हरिया के प्रभारी प्राचार्य को निर्देश किया है कि कक्षा 6 से 10 तक की कक्षाएं नवीन माध्यमिक भवन रिछारिया टोला में संचालित करें। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने जीर्ण-शीर्ण व जर्जर  विद्यालयों के भवनों की सूची 7 दिवस में प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।
डीईओ ने जारी किए निर्देश
बारिश को देखते हुए जिले की शालाओं की कक्षाओं का संचालन जीर्ण-शीर्ण व जर्जर भवनों में न करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला शिक्षाधिकारी पीपी सिंह ने सभी विकासखंड शिक्षाधिकारी, प्राचार्य व बीआरसी को निर्देश दिए हैं कि जर्जर शाला भवनों में कक्षाएं संचालित न होंए इसके लिए सभी शाला प्रमुखों को निर्देश जारी करें।  उन्होंने कहा है कि यदि ऐसे भवनों में कक्षा संचालन के समय कोई अप्रिय घटना होती है तो संबंधित शाला प्रमुख के खिलाफ जवाबदेही तय की जाएगी।

Created On :   29 July 2022 3:55 PM IST

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