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चौरई से राहत सिर्फ 7 प्रतिशत भरा तोतलाडोह, अब तालाबों पर लगेगा टैक्स
डिजिटल डेस्क,नागपुर। महाराष्ट्र से सटे मध्यप्रदेश की सीमा पर बने चौरई बांध में 90 प्रतिशत से अधिक जलभंडारण होने पर 15 अगस्त को 200 क्यूमेक्स (क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड) पानी छोड़ा गया। चौरई बांध से छोड़े गए इस पानी से तोतलाडोह को कुछ सहारा जरूर मिला। डेड-स्टॉक की स्थिति से उभरकर तोतलाडोह में मंगलवार तक 7.43 प्रतिशत जलभंडारण हुआ। यह नागपुर शहर के लिए राहत जरूर है, लेकिन जलसंकट का खतरा अभी भी बरकरार है। बताया गया कि तोतलाडोह के कैचमेंट एरिया में अभी भी बारिश का नामो-निशान नहीं है। जब तक कैचमेंट एरिया में भारी बारिश नहीं होती है, तोतलाडोह का जलस्तर बढ़ने में मदद नहीं मिलेगी। अभी जितना पानी तोतलाडोह में है, वह शहर की मांग के अनुपात में सिर्फ दो या तीन महीने की ही प्यास बुझा सकता है। आगे पूरा साल बचा है। ऐसे में इस स्थिति से उभरने के लिए कैचमेंट एरिया में भारी बारिश की जरूरत बतायी गई है। अन्यथा अगला साल नागपुर शहर के लिए इससे भी भीषण संकट ला सकता है। फिलहाल नागपुर विभाग के 16 बड़े जलाशयों में 81.42 प्रतिशत जलभंडारण है। यह जलभंडारण की दृष्टि से बेहतर स्थिति मानी जाती है। लेकिन यह सभी जलभंडारणों का औसत है। ऐसे में कई जलाशय में पर्याप्त जलभंडारम है तो कई जलाशय अभी भी सूखे बड़े है। उदाहरणार्थ नागपुर जिले के ही वडगांव जलाशय में 72.44 प्रतिशत, नांद जलाशय में 77.56 प्रतिशत जलभंडारण है तो तोतलाडोह जलाशय 7 प्रतिशत से अधिक नहीं हो पाया है। नागपुर के खिंडसी जलाशय में 15.69 प्रतिशत, कामठी खैरी में 27.45 प्रतिशत, भंडारा के गोसीखुर्द में 51.98 प्रतिशत, बावनथड़ी में शून्य प्रतिशत, चंद्रपुर के असोलामेंढा में 100 प्रतिशत, गडचिरोली के दिना जलाशय में शून्य प्रतिशत, गोंदिया जिले के सिरपुर जलाशय में 49.24 प्रतिशत, इटियाडोह में 76.08 प्रतिशत, पुजारी टोला में 76.74 प्रतिशत, कालीसरार में 48.78 प्रतिशत, निम्न वर्धा में 38.73 प्रतिशत और बोर जलाशय में 28.9 प्रतिशत जलभंडारण हुआ है। तोतलाडोह कैचमेंट एरिया में हर साल औसत 900 मि.मी बारिश होती है। चिंता इसलिए बढ़ी है, क्योंकि कैचमेंट एरिया में अब तक 550 मि.मी से ज्यादा यानी 600 मि.मी के करीब बारिश हो गई है। इसके बावजूद तोतलाडोह में 7.43 प्रतिशत पानी जमा है। शेष दिनों में 300 मि.मी या इससे कुछ कम या ज्यादा बारिश हो सकती है, ऐसे में तोतलाडोह बांध में जलभंडारण आधा भी हो पाता है या नहीं? इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई है। तोतलाडोह की जलभंडारण क्षमता 1016.88 एमएमक्यूब है।
चौरई बांध ही नुकसान का बड़ा कारण
मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले साल से चौरई बांध में पानी जमा करना शुरू किया है। मध्यप्रदेश का पानी सीधे तोतलाडोह में आता था। जिसकारण साल भर हमें चिंता नहीं होती थी। अब चौरई बांध में पानी रोके जाने से महाराष्ट्र के हिस्से में आने वाला पानी सीमित हो गया है। जिसकारण तोतलाडोह बांध भरना भी मुश्किल हो गया है। फिलहाल तोतलाडोह को सुरंग के जरिये कन्हान नदी से नहर जोड़ने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस प्रोजेक्ट में 5 से 6 साल लगने का अनुमान है। ऐसे में जलसंकट से उभरने हमें लंबी प्रतीक्षा करनी होगी।
तालाबों पर लगेगा टैक्स , वाटर बॉडी का होगा मूल्यांकन
इसके अलावा उपराजधानी में जमीन और निर्माण कार्य वाली भूमि के अलावा अब वॉटर बॉडी यानी तालाबों सहित किसी भी जमीन पर जहां पानी भरा है, उस पर अब मनपा टैक्स लगाएगी। ऐसे में वॉटर बाॅडी के मालिकी हक वाले व्यक्ति या संस्था को उसका भुगतान करना होगा। यह मामला सोनेगांव तालाब को निजी संपत्ति बताने के बाद ध्यान में आया था। वहीं उसके बाद इस पर तरह-तरह की चर्चाएं भी हुईं। महाराष्ट्र म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट- 5 दिसंबर 2012 के अनुसार महानगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी जमीन जिस पर निर्माण कार्य हुआ है, जिस पर निर्माण कार्य किया जाएगा, जिस जमीन पर पानी भरा हुआ है, साथ ही खेती वाली जमीन को भी संपत्ति कर देना होगा। इस नियम का अनुसरण करते हुए मनपा वॉटर बॉडी पर संपत्ति कर लगाएगी। जल्द ही वॉटर बॉडी का मूल्यांकन किया जाएगा।
यहां से हुई थी शुरुआत
सोनेगांव तालाब के सौंदर्यीकरण पर महानगरपालिका ने करोड़ों रुपए खर्च किए। तभी उसको निजी संपत्ति होने का दावा किया गया। मामला न्यायालय में गया तो ध्यान में आया कि वह निजी संपत्ति है, जिस पर 4 लोगों की मालिकी है। इसके बाद उस पर संपत्ति कर लगाने की प्रकिया आरंभ हुई। अब शहर की अन्य वॉटर बॉडी पर भी संपत्ति कर लगाया जाएगा।
संपत्तिकर में होगी बढ़ोतरी
संतरानगरी में आम शहरों की अपेक्षा वॉटर बाडी की संख्या अधिक है और वह काफी बड़े क्षेत्रफल में फैली हुई है। इसमें 2 महानगरपालिका की है जबकि 2 नागपुर सुधार प्रन्यास, 1 कृषि विभाग और 3 निजी संपत्ति है। इससे महानगरपालिका की संपत्ति कर में बढ़ोतरी होना तय है। ध्यान देने वाली बात यह है कि सक्करदरा तालाब भोसले कालीन है और वह उनकी संपत्ति थी। बाद में उन्होंने इसे नागपुर सुधार प्रन्यास को दे दिया। ऐसे में अब उसके आस-पास विकसित जमीन का उपयोग करने वालों को संपत्ति कर देना पड़ता है, जबकि तालाब के क्षेत्रफल का कर नागपुर सुधार प्रन्यास के हिस्से में जाएगा।
वॉटर बाडी मालिकी हक
गांधी सागर तालाब महानगरपालिका
गोरेवाड़ा तालाब महानगरपालिका
फुटाला तालाब नागपुर सुधार प्रन्यास
सक्करदरा तालाब नागपुर सुधार प्रन्यास
अंबाझरी तालाब कृषि विभाग
नाइक तालाब निजी संपत्ति
लेंडी तालाब निजी संपत्ति
सोनेगांव तालाब निजी संपत्ति
एक्ट के अनुसार होगी संपत्ति कर वसूली
एमएमसी एक्ट 2012 के अनुसार संपत्ति कर से वसूल किया जाएगा। उसमें स्पष्ट है कि महानरगपालिका के अंदर यदि किसी जमीन पर पानी भरा है उस पर संपत्ति कर लगाया जाए। ऐसे में वह जमीन जिस व्यक्ति अथवा संस्था की है उससे कर की वसूली की जाएगी।
-मिलिंद मेश्राम, सहायक आयुक्त, कर विभाग, मनपा
Created On :   20 Aug 2019 11:29 AM IST