टारगेट एक लाख का और कनेक्शन मंजूर हुए महज 466

Target one lakh gas connection but approve only 466
टारगेट एक लाख का और कनेक्शन मंजूर हुए महज 466
टारगेट एक लाख का और कनेक्शन मंजूर हुए महज 466

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय अभियान के तहत जिले में 1 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन देने का टारगेट तय किया है, लेकिन गैस एजेंसी व कंपनियों के ढुलमुल रवैए के कारण जिले में अब तक केवल 466 आवेदन ही मंजूर हो सके हैं। एजेंसी व कंपनी की कार्यप्रणाली से नाराज जिला प्रशासन ने  कंपनी के अधिकारियों की क्लास ले ली। 

राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन को 15 अगस्त तक 1 लाख से ज्यादा जरूरतमंद व गरीबों को (जिनके घर गैस नहीं है) गैस कनेक्शन देने हैं। इसके लिए लाभार्थियों को राशन दुकानों से फार्म दिए जा रहे हैं और ये फार्म यहीं पर जमा किए जा रहे हैं। यहां से फार्म खाद्यान्न विभाग के मार्फत गैस एजेंसियों तक पहुंच रहे हैं। खाद्यान्न विभाग ने 16 जुलाई से यह काम शुरू किया और विभाग के पास अब तक 7 हजार से ज्यादा फार्म जमा हुए हैं। विभाग की तरफ से अब तक करीब 5 हजार फार्म एजेंसियों के भेजे गए हैं। एजेंसियों के ठंडे रवैये के कारण केवल 466 आवेदन ही मंजूर हो सके हैं। 

खाद्यान्न विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को एचपीसीएल, बीपीसीएल व आईओसी के सेल्स आफिसरों को अपने कार्यालय तलब किया और 4 घंटे तक उनकी क्लास ली। एससी, एसटी की लाभार्थी महिला का कास्ट सर्टिफिकेट लेने, घर में तय मापदंडों का ओटा होने,  व्यावसायिक कर भरनेवाले को अपात्र करने, घर में लैंडलाइन फोन होने पर अपात्र करने जैसे मुद्दे पर चर्चा हुई। चर्चा में तय हुआ कि परिवार के किसी भी सदस्य का कास्ट सर्टिफिकेट चलेगा, ओटे की जांच एजेंसी के बजाय कंपनी का अधिकारी ही करेगा, इंकम कम है तो केशरी कार्ड को भी गैस कनेक्शन दिया जाएगा। अधिकारी के सख्त रवैये से कंपनी के अधिकारी नरम पड़े और बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हुई। दोपहर 12 सेे शाम 4 बजे तक बैठक हुई। गैस कंपनी के मानक लोगों को पता नहीं, इसलिए 60 हजार फार्म उपलब्ध कराने का फरमान जारी हुआ। कंपनी की तरफ से शाम को ही 40 हजार फार्म खाद्यान्न विभाग को उपलब्ध कराए गए। मंगलवार से गैस कनेक्शन बांटने की रफ्तार नहीं बढ़ी तो कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई। 
 
शहर में 192 मंजूर 

नागपुर शहर में राशन दुकानों में 3900 फार्म पहुंचे। यहां से 2500 फार्म गैस एजेंसी भेजे गए। 192 फार्म मंजूर हुए। 24 में खामियां निकाली गई। इसी तरह ग्रामीण से 3200 फार्म एजेंसियों के पास भेजे गए। 274 फार्म मंजूर हुए। टारगेट के हिसाब से काम की गति बेहद धीमी है। 
 
एलपीजी के तहत कार्रवाई 

मिशन मोड पर काम नहीं करनेवाले कंपनी के अधिकारी व गैस डिलर के खिलाफ लिक्विफाइल पेट्रोलियम गैस रेगुलेटरी आफ सप्लाई (एलपीजी) एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन आर्डर 2000 व एक्प्लोजिव 1884 एवं इसके अंतर्गत समय-समय हुए सुधार के तहत कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार की तरफ से सीधे केंद्र सरकार को जानकारी देकर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए इस अभियान को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है। सरकार अभियान काे भुनाने में लगी है। 

Created On :   23 July 2019 2:32 PM IST

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