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रेड लाइट एरिया से जुड़ी गंगा-जमुना’ की कहानी, 1 अप्रैल को होगा मंचन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के रेड लाइट एरिया गंगा-जमुना पर एक नाटक का मंचन 1 अप्रैल को किया जा रहा है। इस संदर्भ में नाट्यमंडल के सदानंद बोरकर का कहना है कि नारी का ऐसा रूप देखकर मुझे बहुत पीड़ा हुई। जहां एक ओर नारी को देवी तुल्य पूजा जाता है, वहीं दूसरी तरफ उसका यह हाल देखकर दु:ख होता है। श्री व्यंकटेश नाट्य मंडल के कलाकार, लेखक सदानंद बोरकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शहर के गंगा-जमुना क्षेत्र से ली गई कहानी की जब असलियत जानी, तो बहुत सी चाैंकाने वाली बातें सामने आईं।
सत्य घटना पर आधारित
1 अप्रैल को दोपहर 1 बजे वसंतराव देशपांडे सभागृह में आम्रपाली उत्कर्ष संघ संस्था की चैरिटी के लिए ‘गंगा जमुना’ नाटक का मंचन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नाटक की कहानी सत्य घटना पर आधारित है। मुझे कुछ वर्ष पहले पता चला कि शहर से एक लड़की लापता हुई थी और उसके घरवालों ने बहुत खोजा, पर वह नहीं मिली। तीन साल बाद उसका भाई जब गंगा-जमुना में जाता है, तो अपनी बहन को इस अवस्था में देख हैरान हो जाता है। फिर जब उसे वापस घर लाया जाता है, तो उसके पिता ही उसकी हत्या कर देते हैं, क्योंकि उनका कहना होता है कि समाज के लोग तुझे जीने नहीं देंगे, क्योंकि तेरे माथे पर कलंक लग चुका है, इसलिए मुक्ति का उपाय तेरी हत्या ही है। श्री व्यंकटेश नाट्य मंडल का यह 53वां मंचन है। पत्रकार वार्ता के दौरान संजय भरडे मुख्य रूप से उपस्थित थे।
तीन दिन उनके बीच रहा
सदानंद बोरकर ने बताया कि नाटक लिखने के पहले मैं तीन दिन तक इतवारी स्थित गंगा-जमुना बस्ती में रहा। उन महिलाओं की दिनचर्या देखी तथा वे किस तरह से एक दूसरे से संवाद साधती हैं, यह भी जाना। उन्हें किन मजबूरियों के चलते यहां आकर रहना पड़ रहा है, यह बात भी पता चली। एक बात बहुत ही चौंकाने वाली थी। एक महिला ने कहा कि हम तो इस बस्ती में सिर्फ 2000 हैं, पर बाहर ऐसी 10000 लड़कियां और महिलाएं छिप कर यह कार्य करती हैं। कितना भीषण जग है हमारा, यहां पर काफी यातनाएं हैं।
Created On :   30 March 2018 2:27 PM IST