Nagpur News: भ्रामक प्रचार और अफवाह पर नकेल के लिए धर्म गुरुओं का सहारा, सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर

भ्रामक प्रचार और अफवाह पर नकेल के लिए धर्म गुरुओं का सहारा, सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर
  • पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नजर
  • झूठी और बेबुनियाद खबरें और अफवाह को रोकने की कवायद
  • शांति बनाए रखने के लिए धर्म गुरुओं का सहारा

Nagpur News. तजिन्दर सिंह। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है। झूठी और बेबुनियाद खबरें और अफवाह फैलाने से अशांति, सांप्रदायिकता और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है, जो अपराध की श्रेणी में आता है। भ्रामक प्रचार तथा अफवाह फैलाने वालों पर नकेल के लिए पुलिस ने धर्म गुरुओं को सहारा लिया है। कानून व्यवस्था को लेकर शनिवार यशोधरा नगर पुलिस थाने की सीमा में रहने वाले धार्मिक नेताओं के साथ शांति समिति की बैठक का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही उपराजधानी का एक हिस्सा अफवाहों की चपेट में आकर हिंसा का शिकार हो चुका है, जिसे संभालने के लिए कर्फ्यू तक लगाना पड़़ा था।


आतंकी हमला देश का माहौल खराब करने की साजिश है। अंदेशा है कि सोशल मीडिया पर भड़काहट भरी पोस्ट से माहौल खराब हो सकता है। लिहाजा पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। इसी कड़ी में यशोधरा नगर सीमा में शेरे पंजाब लॉन, ऑटोमोटिव चौंक, कामठी रोड, कलमना, पारडी, कोराडी, जरीपटका, कपिल नगर के पुलिस स्टेशनों की टीम के अलावा धार्मिक नेताओं की बैठक में इस विषय पर बेहद संजीदगी से विचार किया गया। परिमंडल क्रमांक 5, पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम और सत्यवीर बांदीवार की उपस्थिति में यह संयुक्त बैठक आयोजित की गई।


इस बैठक में सभी धार्मिक नेताओं ने अपने- अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही अपने-अपने समुदायों में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के अलावा किसी भी अफवाह के कारण तनाव पैदा न करने की अपील की। पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई किसी भी जानकारी को लेकर सजग रहने की अपील की है, इस दौरान कहा गया कि बिना जांचे-परखे सूचनाओं को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना ठीक नहीं है। अपनी भावना व्यक्त करने से पहले सूचना की पुष्टि कर लेनी चाहिए।

  • यदि आपको सोशल मीडिया पर कोई संवेदनशील संदेश, वीडियो या पोस्टर दिखे तो तुरंत फॉरवर्ड न करें।
  • कोई आपत्तिजनक संदेश प्राप्त हुआ, तो पुलिस को इसकी सूचना दें।
  • सुनिश्चित करें कि थाना क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे।

एक नजर में जानिए फर्जी खबर क्या है?

फर्जी खबर यानी झूठी और भ्रामक जानकारी है, जो किसी असल खबर के रूप में ही सामने आती है, लेकिन इस खबर के कंटेंट को समझना जरूरी होता है। साधारण तौर से फर्जी खबर दो श्रेणियों में आती है। जिसमें पहली है जानबूझकर फैलाई गलत खबर। दूसरी है ऐसी गलत कहानियां, जो किसी घटना को संदर्भित करती हों, लेकिन यह असल से दूर होती हैं।

गलत सूचनाओं के इन दोनों स्वरूपों में ऐसी कहानी होती है। जिनमें सच्चाई के तत्व तो होते हैं, लेकिन मोटे तौर पर गलत होते हैं। इनमें किसी विशेष बात को स्पष्ट करने के लिए कुछ पहलुओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताया है।

बैठक के दौरान सभी से अपील की गई कि आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की मदद करें। इस बैठक में लगभग 140 सदस्य उपस्थित थे। शाम साढ़े 7 बजे शुरू हुई बैठक साढ़े 8 बजे समाप्त हुई।


धार्मिक पुस्तक जलाने की अफवाह के बाद फैला था तनाव

औरंगजेब की कब्र के विरोध में एक संगठन के प्रदर्शन के बाद दो गुटों के बीच टकराव हो गया था। महल इलाके में दोनों ओर से पथराव हुआ था। वाहनों में आग लगा दी गई थी। धार्मिक पुस्तक जलाने की अफवाह से स्थिति उत्पन्न हुई थी। भीड़ को तितर-बितर किया गया था।


(जानने वाली बात)

समाज में घृणा और अफवाह फैलाने वाले लोग वो भले ही किसी भी धर्म से आते हों। उनके खिलाफ एक समान सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। कुछ लोग व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट से यूजर्स को गुमराह करते हैं। ऐसे लोगों पर नकेल के लिए पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।

पुलिस की अपील है कि समाज के सभी लोग किसी भी अफवाह और बहकावे में आकर अनावश्यक बयानबाजी कर आपसी भाईचारे को खराब न करें।

Created On :   27 April 2025 9:05 PM IST

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