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Nagpur News: नाग नदी - सुरक्षा दीवारें टूटने से बढ़ी हादसे की आशंका- उदासीनता या लापरवाही

- प्रशासन की उदासीनता या लोगों की लापरवाही
- बरसात में बढ़ जाता है खतरा
Nagpur News. शहर की पहचान कही जाने वाली ऐतिहासिक नाग नदी फिलहाल अपनी सुरक्षा के लिए तरस रही है। कई दशकों से इसके संरक्षण और स्वच्छता के लिए अनेक उपक्रम शुरू किए गए। जागरूकता व सफाई अभियान से लेकर कई समाजसेवी संगठनों द्वारा भी प्रयास किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात "ढाक के तीन पात' की भांति जस के तस हैं। इसका सटीक उदाहरण नदी किनारे गंदगी का अंबार है। वहीं नदी की सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवारें कई स्थानों पर जर्जर अवस्था में होकर हादसों को दावत देती प्रतीत हो रही हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें : विशेषकर शहर के मुख्य सड़क मार्गों के किनारे जहां से नाग नदी गुजरती है, वहां कुछ स्थानों पर दीवारें या लोहे की जाली लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ताकि कोई उसमें कचरा ना डाल सके। साथ ही राहगीरों और वाहनों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके। अब इन दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, कई जगहों पर दीवारें पूरी तरह से टूटी पड़ी हैं। नतीजा ये है कि मामूली असावधानी से भी हादसे होने का खतरा बना रहता है।
न निगरानी न सुरक्षा इंतजाम
नदी में कचरा फेंकने से रोकने के लिए कई स्थानों पर जाली लगाई गई थी, लेकिन शहर के भीतर कई हिस्से ऐसे हैं जहां न तो उचित निगरानी है, न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम। लोगों की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता के कारण लोग अक्सर जाली के बाजू में ही कचरा फेंकने लगते हैं। अब जबकि दीवारें भी कमजोर हो चुकी हैं, नदी के किनारे चलते समय फिसलने या वाहन दुर्घटना का खतरा और बढ़ गया है।
बरसात में बढ़ जाता है खतरा
स्थानीय लोगों के अनुसार, कई बार राहगीर या दोपहिया वाहन सवार अंधेरे में दीवार की टूटी जगह से फिसलने से बचे हंै, जिससे बड़े हादसे टल गए। यदि समय रहते इन दीवारों की मरम्मत नहीं की गई, तो भविष्य में जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं। खासतौर पर बरसात के मौसम में जब सड़कें फिसलन भरी होती हैं और नदी का जलस्तर बढ़ता है, उस समय खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
आखिर जिम्मेदार कौन : प्रशासन की उदासीनता या लोगों की लापरवाही
नागरिकों में नाराजगी : स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार नगर निगम को शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक विकास कार्य के बहाने और आश्वासन ही मिले हैं। लोगों का सवाल है कि जब स्वच्छता मिशनों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा सकते हैं, तो शहर की जीवनरेखा मानी जाने वाली नदी की सुरक्षा के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे?
नागरिकों की सुरक्षा खतरे में : नाग नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं है। यह नागपुर की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा है। उसकी दुर्दशा न सिर्फ शहर की छवि को धूमिल कर रही है, बल्कि लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है। प्रशासन को समय रहते जागना चाहिए और नदी की सुरक्षा के लिए चल रहे कामों की गति बढ़ानी चाहिए।
Created On :   27 April 2025 7:13 PM IST