स्टार हेल्थ ने कहा एक ही राइटिंग में रिपोर्ट बनी है इसलिए नहीं देंगे क्लेम

Star Health said that the report has been made in a single writing, so will not give the claim
स्टार हेल्थ ने कहा एक ही राइटिंग में रिपोर्ट बनी है इसलिए नहीं देंगे क्लेम
बीमित ने कहा आम लोगों के साथ गोलमाल कर रहे जिम्मेदार स्टार हेल्थ ने कहा एक ही राइटिंग में रिपोर्ट बनी है इसलिए नहीं देंगे क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। किसी भी तरह की बीमारी होती है, तो हमारी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देती है। कई तरह के लुभाने वादे कर बीमा कंपनी के एजेंटों के माध्यम से कंपनी द्वारा बीमा कराया जाता है। पीड़ितों का आरोप है कि जब पॉलिसी धारक बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं तो बीमा कंपनी अपना असली रूप दिखाती है। ऐसे ही अनेक मामले शिकायतों के माध्यम से आए हैं, जिसमें कोविड के मरीजों को भी बीमा कंपनियों ने क्लेम नहीं दिया। अस्पताल व दवाइयों के बिल देने के बाद भी बीमा कंपनियाँ पीड़ितों को चक्कर लगवा रही हैं। यहाँ तक की इलाज के बाद बीमितों से तरह-तरह के दस्तावेज माँगे जाते हैं। समय पर डिमांड के अनुसार दस्तावेज उपलब्ध करा भी दिए जाते हैं, तो बीमा का क्लेम महीनों बाद भी बीमा कंपनी नहीं देती है। टोल-फ्री नंबर के माध्यम से संपर्क करने पर सही उत्तर भी नहीं दिया जाता है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

डेंगू से ग्रसित बीमित को भटका रही बीमा कंपनी

कटनी सिविल लाइन निवासी आरएल तिवारी ने बताया कि बेटे प्रभात की स्टार हेल्थ इंश्योरेंस से हेल्थ पॉलिसी है। पॉलिसी क्रमांक पी/170000/01/2022/061467 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। प्रभात को अक्टूबर 2022 में डेंगू हो गया। उसे गंभीर अवस्था में कटनी के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इलाज के दौरान बीमा कंपनी को सूचना दी गई पर बीमा अधिकारियों ने कैशलेस करने के बजाए यह कहा था कि बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान कर दिया जाएगा।

बीमित के ठीक होने के बाद स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के आफिस में रिपोर्ट व सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए गए तो उसमें अनेक प्रकार की खामियाँ निकाली गईं। बीमित ने अस्पताल से सत्यापित कराकर दोबारा कापी जमा की। बीमा कंपनी ने परीक्षण के बाद जल्द भुगतान देने का दावा किया पर अचानक बीमा अधिकारियों ने यह कहते हुए क्लेम रिजेक्ट कर दिया की अस्पताल की रिपोर्ट एक ही राइटिंग में बनी है। बीमित का आरोप है कि क्लेम का भुगतान न करना पड़े इसके लिए अनेक प्रकार के गोलमाल बीमा कंपनी के जिम्मेदार कर रहे हैं।

 

Created On :   2 Jan 2023 5:06 PM IST

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