जीवन में देखे कई उतार-चढ़ाव, जानिए - शरद पवार की कहानी, उन्हीं की जुबानी

Seen many ups and downs in life, know - Sharad Pawars story, in his own words
जीवन में देखे कई उतार-चढ़ाव, जानिए - शरद पवार की कहानी, उन्हीं की जुबानी
एक्सक्लूसिव जीवन में देखे कई उतार-चढ़ाव, जानिए - शरद पवार की कहानी, उन्हीं की जुबानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र से लेकर देश की राजनीति में अहम स्थान बनाने वाले शरद पवार ने राजनीति में लंबी पारी खेली है। 20 साल पहले जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाई, उस वक्त उनके इस नए दल के भविष्य़ को लेकर राजनीतिक पंडित ज्यादा आश्वस्त नहीं थे। क्योंकि इसके पहले जिन नेताओं ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई, वे ज्यादा सफल नहीं हुए। पर पवार अपना अलग राजनीतिक स्थान बनाने में कामयाब रहे। जिस पार्टी से अलग हुए थे, न सिर्फ उस दल के साथ मिलकर कई बार सरकार बनाई बल्कि महाराष्ट्र में उस पार्टी (कांग्रेस) से बड़ा दल बना कर दिखाया। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के राजनीतिक जीवन की कहानी, उन्हीं की जुबानी।

Sharad Pawar : शरद पवारांचे शेतीमध्ये योगदान काय?

एक मई 1960 को यशवंत राव चव्हाण के नेतृत्व में महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई। उस दिन मैं पुणे शहर युवक कांग्रेस का सभासद बना। मैं कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में मौजूद रहता। पुणे के कांग्रेस भवन में मेरा आना-जाना शुरु हुआ। करीब तीन वर्ष बाद मेरी कार्य पद्धति को देखते हुए मुझे युवक कांग्रेस के राज्य स्तरीय संगठन में काम करने का मौका मिल गया और मेरा ठिकाना पुणे की बजाय मुंबई का दादर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तिलक भवन बन गया। वहां महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के युवक कांग्रेस पदाधिकरियों से मेरा सम्पर्क होने लगा। राज्य के वरिष्ठ नेताओं से मेरी मुलाकात होने लगी। इसी दौरान "चुनाव वर्ल्ड असेंबली ऑफ यूथ' के वजीफे के लिए मैं चुन लिया गया। इस स्कॉलरशिप की वजह से मुझे जापान, अमेरिका,कनाडा व डेनमार्क जैसे देशों में जाने का मौका मिला।

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27 साल की उम्र में पहुंचा विधानसभा

साल 1966 में देश में आम चुनाव की हलचल शुरु हो गई। इस वजह से विदेश दौरा अधूरा छोड़ कर मुझे वापस आना पड़ा। तब तक लोकसभा व विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। इस चुनाव को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मंशा थी कि कुछ जगहों पर युवाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। इसके चलते बारामती विधानसभा सीट से मुझे उम्मीदवारी दी गई। इस चुनाव में मेरा मुकाबला सहकारिता आंदोलन के मजबूत शख्सियत से थी। लेकिन युवक कांग्रेस में कार्य करने की वजह से बड़ी संख्या में युवा मेरी मदद को आगे आए। परिणामस्वरुप भारी मतों से मुझे जीत मिली। 27 साल की आयु में मैं विधायक चुना गया। उस साल महाराष्ट्र विधानसभा में मेरी तरह कई नए चेहरे आए थे। मैं विधान मंडल के कामकाज में काफी रुचि लेने लगा। इसे देखते हुए मुझे कांग्रेस विधान मंडल दल का सचिव नियुक्त कर दिया गया।

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जीवन में देखे कई उतार-चढ़ाव

इस पद की वजह से मुझे विधानसभा के कामकाज पर ज्यादा ध्यान देने का मौका मिला। उस वक्त वसंतराव नाईक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। वे नए लोगों को प्रोत्साहित करते रहते थे। मेरा पांच साल का कार्यकाल कब बीत गया, पता ही नहीं चला। 1972 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव में उतरा। दूसरे चुनाव में मुझे और अधिक वोट से जीत मिली। वसंतराव नाईक मंत्रिमंडल में पहली बार सामान्य प्रशासन और गृह राज्य मंत्री बनाया गया। 1967 में मुझे संसदीय कामकाज में शामिल होने का मौका मिला। तब से आज तक कई उतार-चढ़ाव देखे। 1967 से आज तक किसी न किसी पद पर काम करने का मौका मिलता रहा। विधानसभा सदस्य, विधान परिषद सदस्य, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य के तौर पर लगातार काम करता रहा हूं। इस दौरान राज्य सरकार में मंत्री, विधान मंडल में विपक्ष का नेता, चार बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री, केंद्र में रक्षा मंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता व यूपीए सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। इस तरह कुल 56 सालों तक बतौर जनप्रतिनिधि के तौर पर कार्य किया।

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अब राज्यसभा सदस्य के अलावा अन्य जिम्मेदारी नहीं

साल 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई। पिछले 24 वर्षों से पार्टी अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रहा हूं। 1 मई, 1960 से शुरु राजनीतिक सफर किसी न किसी रुप में अविरल जारी है। इस दौरान 56 वर्षों तक किसी न किसी सदन का सदस्य अथवा मंत्री के रुप में कार्य करता रहा। बतौर राज्यसभा सदस्य अभी तीन वर्षों का कार्यकाल शेष है। इस दौरान मेरा लक्ष्य होगा कि राज्य और देश के महत्वपूर्ण सवालों पर ध्यान केंद्रीत करुं। इसके अलावा कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा। 1 मई 1960 से 1 मई 2023, इतनी लंभी अवधि के बाद अब कहीं ठहरने पर विचार करना होगा। इसलिए मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से निवृत्त होने का फैसला लिया है। साथ ही शिक्षा, खेती, सहकारिता, खेल व सांस्कृतिक क्षेत्र में अधिक कार्य करने की इच्छा है। आप लोगों को पता है कि मैं कई स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ा हूं। इन संस्थाओं के कामकाज पर अधिक ध्यान देना है।

लोगों के लिए हमेशा रहूंगा हाजिर

पिछले 60 वर्षों से महाराष्ट्र मेरे साथ मजबूती से खड़ा रहा, यह बात मैं भूल नहीं सकता। मेरी सलाह है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक समिति गठित की जाए। साथियों, मैं अध्यक्ष पद से जरुर रिटायर हो रहा हूं, पर सार्वजनिक कार्यों से निवृत्त नहीं हो रहा। मैं 60 साल से अधिक समय से लोगों के साथ कार्य कर रहा हूं, आगे भी इसमें कोई अवरोध पैदा नहीं होगा। बल्कि, अब सार्वजनिक कार्यों के लिए मैं अधिक समय दे सकूंगा। मैं पुणे, बारामती, मुंबई, दिल्ली अथवा कहीं पर भी रहूं, आप लोगों के लिए हमेशा की तरह सुबह से ही उपलब्ध रहूंगा। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा हाजिर रहूंगा।

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शरद पवार के मुताबिक लगातार यात्राएं मेरे जीवन का अविभाज्य हिस्सा हैं। मैं आप लोगों से मिलने के लिए कार्यक्रमों, सभा-समारोहों में आता रहूंगा। आप से संवाद करने, आप की समस्याएं जानने, आप का सुख-दु:ख सुनना जारी रहेगा। जनता का प्रेम व विश्वास मेरे प्राण वायु हैं। इसलिए आप लोगों पर कोई असर नहीं होगा। मैं आप के साथ था, हूं और अंतिम सांस तक रहूंगा। इसलिए मिलते रहेंगे। जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय राष्ट्रवादी।

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Created On :   2 May 2023 9:00 PM IST

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