RTI में खुलासा, भ्रष्टाचार मामले में पुलिस विभाग आगे, राजस्व विभाग को पछाड़ा

Revealed in rti, police department leads in corruption case
RTI में खुलासा, भ्रष्टाचार मामले में पुलिस विभाग आगे, राजस्व विभाग को पछाड़ा
RTI में खुलासा, भ्रष्टाचार मामले में पुलिस विभाग आगे, राजस्व विभाग को पछाड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस ने राजस्व विभाग को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष नागपुर विभाग में पुलिस के विरुद्ध सबसे अधिक भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज किये गए हैं। भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग की छापामार कार्रवाई में आरोपी पकड़े तो जाते हैं, लेकिन सजा पानेवालों की संख्या घट रही है। सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है। 

पुलिस व राजस्व विभाग आगे-पीछे  
सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर को दी गई जानकारी में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने 5 वर्ष में दर्ज प्रकरणों के आंकड़े दिए हैं। वर्ष 2019 में नागपुर विभाग में भ्रष्टाचार के 98 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक 20 प्रकरण पुलिस विभाग के हैं। राजस्व विभाग के 19 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पिछले तीन वर्ष का ही रिकार्ड देखा जाए तो भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस व राजस्व विभाग आगे-पीछे चल रहे हैं। 2018 में नागपुर विभाग में 121 प्रकरण दर्ज किए गए। तब 22 प्रकरणों के साथ राजस्व विभाग सबसे आगे था। पुलिस विभाग में 18 प्रकरण दर्ज किए गए थे। 

जिप व पंचायत समिति भी बहुत पीछे नहीं
2018 में जिला परिषद व पंचायत समिति भ्रष्टाचार के मामले में तीसरे व चौथे स्थान पर थी। जिला परिषद में भ्रष्टाचार के 13 प्रकरण दर्ज किए गए। पंचायत समिति में 12 प्रकरण दर्ज हुए। वन विभाग में 8 व शिक्षा विभाग में 6 प्रकरण दर्ज किए गए थे। तीन वर्ष में नागपुर विभाग में जिला परिषद भ्रष्टाचार के मामले में तीसरे स्थान पर है। 

दो वर्ष पहले पुलिस विभाग ही आगे था
2017 में भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस विभाग ही आगे था। वर्ष भर में 110 प्रकरण दर्ज किए गए थे। उनमें से 22 प्रकरण पुलिस विभाग के थे। राजस्व विभाग में 14 प्रकरण दर्ज किए गए थे। दर्ज प्रकरणों के लिहाज से माना जाए तो सार्वजनिक क्षेत्र में काम करनेवाली सरकारी संस्थाओं के अधिकारी व पदाधिकारी भ्रष्टाचार में अधिक लिप्त हैं। 2017 में जिला परिषद क्षेत्र में 10 प्रकरण दर्ज किए गए थे। पंचायत समिति में 9 प्रकरण दर्ज किए गए। वन विभाग के 10 व भूमि अभिलेख विभाग के 6 प्रकरण दर्ज किए गए। 

छूट जाते हैं आरोपी
भ्रष्टाचार के मामले में कानून प्रक्रिया के बाद छूटने वाले आरोपियों की संख्या अधिक है। इस वर्ष पकड़े गए आरोपियों में से 8 को सजा मिली। 63 छूट गए। सजा पानेवालों का प्रतिशतांक 13 प्रतिशत है। 2018 में 12 आरोपियों को सजा मिली। उनका प्रतिशतांक 16 था। 65 आरोपी छूट गए। 2017 में 24 प्रतिशत को सजा मिली थी। 59 में से 45 आरोपी छूट गए। 

Created On :   23 Dec 2019 10:32 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story