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भिड़े गुरु समर्थकों ने निकाला मोर्चा, सदन में उठा सवाल-कैसे दे दी क्लीन चिट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में हिंदु संगठन से जुड़े संभाजी भिड़े गुरु जी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दलित संगठनों के मोर्चे के बाद बुधवार को भिडे समर्थकों ने उनके खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की मांग को लेकर कई शहरों में मोर्चा निकाला। हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान के संस्थापक संभाजी भिड़े के समर्थकों ने मुंबई में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से भी मुलाकात की और मांग की कि भिड़े के खिलाफ दर्ज हुए मामले वापस लिए जाएं। संभाजी भिड़े भीमा कोरेगांव विवाद के बाद चर्चा में आए है। दलित नेता प्रकाश अम्बेडकर का आरोप है कि भिड़े की वजह से ही भीमा कोरेगांव में हिंसा फैली। हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस विधानसभा में कुछ चुके हैं कि भिडे के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। दलितों के यलगार मोर्चे के बाद हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान की ओर से संभाजीराव भिड़े के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान के अलावा सांगली, पुणे, नासिक, नागपुर, सातारा सहित कई शहरो में सम्मान मोर्चा निकाला गया। हालांकि मुंबई पुलिस ने संभाजी के समर्थन में मोर्चा निकालने की अनुमति देने से मना कर दिया था लेकिन आजाद मैदान में जनसमूह के इकट्ठा होने की इजाजत दी गई थी। इससे पहले पुणे में भी मोर्चे की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। फिरभी मोर्चा निकाला गया। पुणे के मोर्चे में भीमा-कोरेगांव की हिंसा में मृत युवक राहुल फटांगडे की मां ने भी हिस्सा लिया। राहुल की मां ने सवाल किया कि क्या मराठा होने के कारण उसकी हत्या की गई। इस मोर्चे के चलते जिला मुख्यालयों पर पुलिस के भारी बंदोबस्त किए गए थे। सांगली में भिड़े के समर्थन में हजारो लोग सड़कों पर उतरे थे जिसके चलते पुलिस अधीक्षक को 800 ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात करना पड़ा।
भिडे गुरुजी को कैसे दे दी क्लीन चिटः कवाडे
विधान परिषद में पीपल्स रिपब्लिकन पक्ष (पीआरपी) के सदस्य जोगेंद्र कवाडे ने भीमा-कोरेगांव के आरोपी संभाजी भिडे गुरुजी को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सवाल खड़े किए । बुधवार को कवाडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में संभाजी भिडे को क्लीनचीट दे दी है। कवाडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में हुई चर्चा के दौरान कहा था कि सरकार इस मामले की जांच होईकोर्ट के जज से कराएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अभी हिंसा मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार ने भिडे को क्लीन चिट दे दी है। कवाडे ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से विधान परिषद सदन की अवमानना हुई है। इसके जवाब में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री ने क्लीन चिट की घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हिंसा मामले की अभी तक हुई जांच में संभाजी भिडे का कोई सहभाग नहीं पाया गया है। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं।
Created On :   28 March 2018 7:55 PM IST