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Mumbai News: सेवानिवृत्ति के एक महीने से अधिक देरी से ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर 10 फीसदी ब्याज लगेगा

- अदालत ने नौरोसजी वाडिया कॉलेज को सेवानिवृत्त शिक्षिका को 10 फीसदी ब्याज के साथ ग्रेच्युटी का भुगतान करना का दिया निर्देश
- सेवानिवृत्ति के एक महीने से अधिक देरी से ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर 10 फीसदी ब्याज लगेगा
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति के एक महीने से अधिक देरी से ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर 10 फीसदी ब्याज लगेगा। अदालत ने नौरोसजी वाडिया कॉलेज को अपने सेवानिवृत्त शिक्षिका को 10 फीसदी ब्याज के साथ ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति रवींद्र वी.घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन डी.भोबे की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि नौरोसजी वाडिया कॉलेज को एक सेवानिवृत्त शिक्षिका को 10 फीसदी ब्याज के साथ ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा, क्योंकि उनके सेवानिवृत्ति लाभों में बिना किसी औचित्य के देरी की गई थी। पीठ ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान एक महीने से अधिक समय तक ग्रेच्युटी नहीं रोक सकते, भले ही उनके साथ पेंशन गणना पर विवाद हो। पीठ ने पाया कि उन्हें न तो ग्रेच्युटी दी गई और न ही कोई पेंशन।
पीठ ने स्पष्ट किया कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान सेवानिवृत्ति के एक महीने के भीतर किया जाना चाहिए। यह उन कर्मचारियों को देय है, जिन्होंने कम से कम पांच वर्षों तक निरंतर सेवा प्रदान की है। अधिनियम एक कल्याणकारी कानून है और इसका उद्देश्य उन कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना है, जिन्होंने लंबे समय तक सेवा की है।
पीठ ने कहा कि कर्मचारियों को न्यायालय जाने के लिए बाध्य करने के बजाय स्वेच्छा से ग्रेच्युटी का भुगतान करना राज्य का कर्तव्य है। कॉलेज को डॉ. राजपूत की ग्रेच्युटी का भुगतान अक्टूबर 2023 (उनकी सेवानिवृत्ति के एक महीने बाद) तक कर देना चाहिए था।
पुणे के नौरोसजी कॉलेज ने डॉ.चेतना राजपूत को 25 साल के लिए प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया था। वह 2023 में सेवानिवृत्त नहीं हो गईं। उन्हें शुरू में अंशकालिक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने नेस वाडिया कॉलेज में शिक्षण सेवक के रूप में भी हर हफ्ते 18 घंटे काम करना शुरू कर दिया। उन्हें 2019 में पूर्णकालिक सहायक शिक्षिका के पद पर पदोन्नत किया गया।
डॉ. राजपूत ने कॉलेज से अपनी सेवानिवृत्ति तिथि तक अपनी ग्रेच्युटी जारी करने का अनुरोध किया। उन्हें कॉलेज कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने अप्रैल 2024 में एक और आवेदन दिया, लेकिन कॉलेज ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने वकील वैभव कुलकर्णी के माध्यम से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
Created On :   24 April 2025 9:31 PM IST