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सिंचाई घोटाले से जुड़ी याचिका निजी स्वार्थ से प्रेरित -अजित पवार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश के बहुचर्चित सिंचाई घोटाले में घिरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए स्वयं को पूरी तरह निर्दोष बताया और कहा कि जलसंपदा मंत्री और वीआईडीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते वक्त सभी नियमों का पालन करके पूरी प्रामाणिकता के साथ मैंने अपना काम किया है।
याचिकाकर्ता पर ही सवाल
हाईकोर्ट मंे दायर अपने शपथ-पत्र में पवार ने याचिकाकर्ता अतुल जगताप की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं। पवार के अनुसार, याचिकाकर्ता अतुल जगताप स्वयं सिंचाई प्रकल्पों में ठेकेदार थे और उन्होंने निजी स्वार्थ से यह याचिका दायर की है। वे पवार को फंसाने के लिए कोर्ट यंत्रणा का उपयोग कर रहे हैं।
एसीबी जांच पर भी रखा पक्ष
क्लीन चिट पर मौजूदा और पूर्व एसीबी महासंचालकों में मतभिन्नता पर भी पवार ने पक्ष रखा है। उन्होंने मौजूदा महासंचालक परमबीर सिंह, जिन्होंने पवार को क्लीन चिट देने का समर्थन किया है और पूर्व महासंचालक संजय बर्वे, जिन्होंने अपने शपथ-पत्र में पवार की लिप्तता होने की आशंका जताई थी, उनसे असहमति जताई है। पवार के अनुसार, बर्वे ने बगैर किसी रिकॉर्ड या ठोस जांच के उन्हें मामले में लिप्त बताया था। एसीबी ने पूछताछ की और बाकायदा उनके प्रश्नोत्तरों का लिखित उत्तर दिया। इसके बाद ही मामले में क्लीन चिट मिली है। पवार ने एसीबी की जांच पर न्यायिक नियंत्रण को भी गलत बताया है। पवार के अनुसार, उनके जैसे किसी व्यक्ति को निशाना बना कर पुलिस जांच की न्यायिक टेलरिंग नहीं होनी चाहिए। बहुत जरूरी होने पर ही कोर्ट को जांच पर नजर रखनी चाहिए।
दूसरी एजेंसी को जांच सौंपने का विरोध
इस मामले में अन्य याचिकाकर्ता जनमंच ने हाईकोर्ट में एसीबी की एसआईटी की जांच से असंतुष्टि जताते हुए मामले की सीबीआई या ईडी से कराने की प्रार्थना की है। इस पर भी पवार ने पलटवार किया है। पवार ने शपथ-पत्र में बताया कि अमरावती एसआईटी ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्रकल्प की 90 प्रतिशत जांच पूरी कर ली है। जिगांव सिंचाई प्रकल्प से जुड़ी एफआईआर दर्ज की है। इसी तरह निम्न पैनगंगा प्रकल्प की क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। इसके अलावा 24 खुली जांच जारी है। इसी तरह नागपुर एसआईटी ने कुल 5 एफआईआर दर्ज की है, 3 में चार्जशीट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई है।
11 मामलों की जांच की अनुमति राज्य सरकार से मांगी गई है। अन्य मामलों में 6 एफआईआर सदर पुलिस में दर्ज है। इसी तरह 7 मामलों मंे क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है, जिसमें से 3 को मंजूरी दे दी गई है। एसीबी नियमित रूप से जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रख रही है। ऐसे में याचिकाकर्ता का यह कहना कि मामले की जांच सही दिशा मंे नहीं जा रही है, पूरी तरह गलत है। पवार ने जनमंच की अर्जी को खारिज करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है।
Created On :   15 Jan 2020 8:14 AM GMT