दूरांचल के लिए शव वाहन का प्रावधान नहीं होने की दशा में स्थायी समाधान जरूरी

Permanent solution necessary in case there is no provision of dead body for Duranchal
दूरांचल के लिए शव वाहन का प्रावधान नहीं होने की दशा में स्थायी समाधान जरूरी
रखरखाव के अभाव में जर्जर हुए शव वाहन दूरांचल के लिए शव वाहन का प्रावधान नहीं होने की दशा में स्थायी समाधान जरूरी

डिजिटल डेस्क,शहडोल। मरीजों के लिए एम्बुलेंस तो है, लेकिन अस्पतालों में मृत्यु होने की दशा में शव ले जाने के लिए प्रावधान नहीं होने का खामियाजा दूर दराज के लोगों भुगतना पड़ता है। जिला चिकित्सालय के लिए अनेक संस्थाओं और लोगों ने शव वाहन दान किए थे, परंतु रख रखाव के अभाव में वे जर्जर हो गए। इसका फायदा निजी वाहन संचालक उठाते हैं।

जो लोगों को बरग लाकर अपने वाहन ले जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। 

राज्य सभा की पूर्व सांसद अनुसुईया उइके द्वारा शव वाहन दिया गया था। समाजसेवी चमडिय़ा और सिंघानिया द्वारा भी वाहन दिया गया था। लेकिन उनका पता नहीं है। ऐसी स्थिति के बाद समाजसेवी रंजीत बसाक, अनुशील सिन्हा द्वारा दिए गए वाहन से सत्य साई समिति के ढंड द्वारा शव ले जाने का कार्य किया जा रहा है। रोटरी क्लब द्वारा भी शव वाहन चलवाया जा रहा है। लेकिन इन वाहनों की सुविधा 40 से 50 किलोमीटर दूर तक ही मिल पाता है। लेकिन यहां बाहर के जिलों के ऐसे लोग भी होते हैं जिन्हें शव वाहन की जरूरत पड़ती है। लोगों का कहना है कि शव वाहन की समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए, ताकि फिर किसी बेटे को अपनी मां का शव पटिया में रखकर बाइक से न ले जाना पड़े।

इनका कहना है

नगरपालिका के पास शव वाहन हैं। जरूरत पडऩे पर सेवा मिलती है। समय पर जानकारी होने की दशा में जरूरतंदों की मदद की जाती है। 
डॉ.जीएस परिहार, सिविल सर्जन
 

Created On :   4 Aug 2022 5:23 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story