भोजनालयों में सजेगी मधुशाला, राजस्व बढ़ने के साथ कार्रवाई से भी मिलेगा छूट

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
भोजनालयों में सजेगी मधुशाला, राजस्व बढ़ने के साथ कार्रवाई से भी मिलेगा छूट

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  आबकारी विभाग ने सावजी सहित अन्य भोजनालयों में भी शराब बेचने व पिलाने के लिए लाइसेंस लेने को कहा है। इसके लिए होटल संचालकों को आबकारी विभाग द्वारा तय फीस भरनी होगी। शहर में सावजी भोजनालय कबाब के साथ ही अवैध रूप से शराब पिलाने के लिए कुख्यात हैं, जिसे देखते हुए पालकमंत्री व आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि लाइसेंस लेकर भोजनालयों में शराब परोस सकेंगे।

समाज पर पड़ सकता है बुरा असर

जगह-जगह होटल में मयखाने शुरू हुए, तो इसका बुरा असर समाज पर हो सकता है। सावजी भोजनालयों को छोड़ दिया जाए, तो आमतौर पर होटलों में महिलाएं व बच्चे भी जाते हैं। शराबियों को देख महिलाएं व बच्चे असहज महसूस कर सकते हैं। 

भोजनालय नहीं, मयखाने बन जाएंगे

शहर में सावजी भोजनालयों की भरमार है। इनमें भोजन के साथ शराब परोसने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। पुलिस व आबकारी विभाग समय-समय पर कार्रवाई करते रहते हैं। कार्रवाई के बावजूद सावजी भोजनालयों में शराब पीने के मामले सूर्खियों में रहते हैं। पुलिस व आबकारी विभाग की कार्रवाई से त्रस्त सावजी भोजनालय के संचालक पालकमंत्री व आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मिले और लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा होने की व्यथा जाहिर की। बावनकुले ने दुकान संचालकों से कहा कि आप भी लाइसेंस लेकर भोजनालय में शराब परोस सकते हैं। इससे हमें आपत्ति नहीं है और आपको भी कार्रवाई से निजात मिलेगी। आबकारी विभाग को भी ऐसे लोगों के आवेदन आने पर लाइसेंस देने को कहा है। हालांकि इसके चलते भोजनालयों को मयखानों में तब्दील होने में देर नहीं लगेगी।

शहर में 6.50 लाख और ग्रामीण अंचलों में 55 हजार रुपए शुल्क 

नागपुर शहर में होटल हैं और शराब के लाइसेंस चाहिए, तो भोजनालयों से आबकारी विभाग साल की 6 लाख 50 हजार तक फीस वसूल करेगा। होटल ग्रामीण क्षेत्र में हैं, तो साल की फीस 55 हजार व जनसंख्या के अनुपात में इसमें वृद्धि होगी। बियर बार के सभी नियम शर्तें यहां लागू होंगी। बार के लाइसेंस के लिए जो प्रक्रिया है, वही प्रक्रिया यहां पूरी करके लाइसेंस दिया जाएगा। 

नीति व नियम में कोई परिवर्तन नहीं 

बार का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए, जो नीति व नियम हैं, वही भोजनालायों में भी लागू हैं। तय प्रक्रिया पूरी कर लाइसेंस फीस भरने के बाद इन्हें बार का लाइसेंस दिया जा रहा है। बार का लाइसेंस पहले से होटलों को दिया जाता रहा है। यह नई नीति नहीं है। विभाग की कार्रवाई बढ़ने के बाद लाइसेंस की मांग काफी बढ़ गई। जिन्होंने आवेदन किए हैं, जो नियम-शर्तों पर खरे उतरते हैं, उन सभी होटलों को बार का लाइसेंस दिया जाएगा। इससे अवैध शराब की बिक्री कम होगी आैर विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा।  -प्रमोद सोनोने, अधीक्षक आबकारी विभाग नागपुर

Created On :   10 Jun 2019 11:23 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story