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चित्रकूट में विंध्य पर्वत की गुप्त गोदावरी में सामने मिली नई गुफा

डिजिटल डेस्क सतना। आध्यात्मिक,पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के पवित्र तीर्थ स्थल चित्रकूट की विंध्य पर्वत श्रृंखला पर गुप्त गोदावरी में रहस्यों से भरी एक नई प्राचीन गुफा का पता चला है। इस गुफा के द्वार से अंदर की ओर 25 फीट तक के स्थल को नंगी आंखों से स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है। इसके बाद गहरा अंधेरा है। प्राचीन गुफा के प्रकाश में आने के बाद सोमवार को चित्रकूट के नायब तहसीलदार ऋषि नारायण सिंह और पटवारी राजेन्द्र सिंह और अरुणेन्द्र सिंह ने स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी ताकि प्रशासनिक स्तर पर इस प्राचीन गुफा का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराते हुए इसे संरक्षित किया जा सके। श्री सिंह ने बताया कि महज एक किलोमीटर के फासले पर गोदावरी में पहले से ही स्थित 2 पर्वतीय गुफाओं के साथ इस क्षेत्र को केव टूरिज्म के हब के तौर पर विकसित किया जा सकता है। एहतियात के तौर पर सामने आई नई प्राचीन गुफा को बंद करा दिया गया है।
पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है रमणीय अनुभव
उल्लेखनीय है, चित्रकूट की विंध्य पर्वत श्रृंखला पर स्थित गोदावरी की दो पर्वतीय कंदराओं के भ्रमण का रमणीय अनुभव प्राचीन काल से ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। थर पहाड़ पर ही स्थित गोदावरी में दो प्राकृतिक गुफाए हैं। एक छोटी और दूसरी बड़ी गुफा कही जाती है। छोटी गुफा में जलधारा एक कुंडनुमा है जिसे सीताकुंड कहते हैं। यहीं पर एक विशाल लटकता पत्थर खटखटा चोर कहलाता है। जबकि छोटी गुफा में निरंतर जल प्रवाहित होता रहता है। जल की धारा कहां से निकलती है और गुफा के बाहर पीपल के पुराने दरख्त के पास से कहां विलुप्त हो जाती है यह कोई नहीं जान पाया। इसी छोटी गुफा में नैसर्गिक पच्चीकारी अद्भुत है। यहां चिकने पत्थरों से बने दो प्राकृतिक सिंहासन वनवासी श्रीराम और उनके अनुज लक्ष्मण की बैठक व्यवस्था को ताजा करते हैं। कहते हैं, वनवास काल में भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए मां गोदावरी गुप्त रुप से यहां प्रकट हुई थीं।
ऐसे हुआ खुलासा
बताया गया है कि थर पहाड़ से लगी इस रहस्यमयी गुफा के संदर्भ में इलाके में पहले से ही तमाम जनकथाएं प्रचलित रहीं हैं,लेकिन इस प्राचीन पर्वतीय गुफा का पता तब चला जब गोदावरी से थर पहाड़ के बीच 2 किलोमीटर पर 80 लाख की लागत से डब्ल्यूबीएम सड़क के निर्माण कार्य के दौरान पहाड़ के एक हिस्से के कटाव के लिए साफ सफाई कराई गई। यह इलाका चित्रकूट के वार्ड नंबर-14 के अंतर्गत थर पहाड़ की मवासी और अन्य आदिवासी बस्तियों से जुड़ा हुआ है।
Created On :   3 Nov 2020 1:56 PM IST