एनडीसीसी बैंक घोटाला : 3 माह में पूरा नहीं किया ट्रायल, हाईकोर्ट नाराज 

NDCC bank scam trial not completed in three months
एनडीसीसी बैंक घोटाला : 3 माह में पूरा नहीं किया ट्रायल, हाईकोर्ट नाराज 
एनडीसीसी बैंक घोटाला : 3 माह में पूरा नहीं किया ट्रायल, हाईकोर्ट नाराज 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 115 करोड़ के घोटाले में सावनेर विधायक सुनील केदार व अन्य आरोपियों का तीन माह में ट्रायल पूरा नहीं करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मुख्य न्यायदंडाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है। दरअसल प्रकरण में आरोप दर्ज होने के बाद भी लंबे समय से मुख्य न्यायदंडाधिकारी के समक्ष लंबे समय से यह मुकदमा लंबित था। ऐसे में ओमप्रकाश कामडी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर निचली अदालत में ट्रायल जल्द पूरा करने का मुद्दा उठाया था। 6 मार्च 2018 को नागपुर खंडपीठ ने मुख्य न्यायदंडाधिकारी को 3 माह में ट्रायल पूरा करने के आदेश दिए थे। आदेश का पालन नहीं हो सका, ऐसे में कोर्ट ने मुख्य न्यायदंडाधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि, उन पर अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए? उन्हें दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करना होगा। मामले में याचिकाकर्ता ओमप्रकाश कामडी की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा।

यह था मामला
वर्ष 2002 में सामने आए नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के करोड़ों रुपए के इस घोटाले मंे विशेष लेखा परीक्षक विश्वनाथ असवर ने बैंक का ऑडिट करके 29 अप्रैल 2002 में गणेशपेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुनील केदार, महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी और अन्य पर भादंवि की धारा 406, 409, 468, 12-ब, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।  सरकार ने इस मामले में वाई. एस. बागडे को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। मामले में कुल 27 लोग आरोपी बने। दिसंबर 2013 में जांच पूरी करके अधिकारी ने कुल 8 लोगों पर आरोप तय किए। इसमें सुनील केदार सहित बैंक के तत्कालीन महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी, पूर्व उपाध्यक्ष आशा महाजन, श्यामराव धवड़, कुसुमताई किंमतकर, मोरबा निमजे, रमेश निमजे और संतोष चोरे का समावेश था। उस वक्त सुनील केदार पर 126 करोड़ 77 लाख 78 हजार रुपए और 2 करोड़ 53 लाख रुपए का जांच का खर्च निकाला गया। तब से यह प्रकरण मुख्य न्यायदंडाधिकारी के समक्ष लंबित है।
 

Created On :   14 Sept 2019 2:20 PM IST

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