घायल बेटी के इलाज के लिए भटकती रही मां, नहीं आए पुलिसकर्मी ,जेवर बेचकर कराया अस्पताल में भर्ती

Mother sold his jewelry and admit his injured daughter at hospital
घायल बेटी के इलाज के लिए भटकती रही मां, नहीं आए पुलिसकर्मी ,जेवर बेचकर कराया अस्पताल में भर्ती
घायल बेटी के इलाज के लिए भटकती रही मां, नहीं आए पुलिसकर्मी ,जेवर बेचकर कराया अस्पताल में भर्ती

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। एक तीन साल की बच्ची को सिर्फ इस वजह से इलाज नहीं दिया गया, क्योंकि मामला सड़क दुर्घटना का था और एमएलसी कराने उसके साथ कोई पुलिसकर्मी नहीं आया था। दो दिनों तक इलाज के लिए भटकने के बाद महिला ने अपनी ज्वेलरी बेचकर निजी अस्पताल में उसका इलाज शुरू कराया।  
 

बाइक सवार ने उसे टक्कर मार दी

अमरवाड़ा के ग्राम महेन्द्रवाड़ा की आकांक्षा विश्वकर्मा ने बताया कि उसकी 3 वर्षीय बेटी साक्षी विश्वकर्मा गुरुवार दोपहर को घर के सामने खेल रही थी। इस दौरान एक बाइक सवार ने उसे टक्कर मार दी। घायल बेटी को वह पहले सिंगोड़ी अस्पताल ले गई। यहां से उसे अमरवाड़ा अस्पताल भेजा गया। अमरवाड़ा के चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के बाद बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी। जब वह बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंची तो चिकित्सकों ने अमरवाड़ा थाने के पुलिसकर्मी के साथ आने पर ही इलाज करने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया। दुर्घटना में घायल बच्ची तड़पती रही, लेकिन उसे इलाज नहीं मिल सका। ऐसी स्थिति में परेशान महिला ने उसे निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज दिलाया। 

अमरवाड़ा थाने से नहीं आई पुलिस

आकांक्षा विश्वकर्मा ने बताया कि इस मामले की उन्होंने अमरवाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई है। थाने से एमएलसी कराने कोई पुलिसकर्मी साथ नहीं आया। इस वजह से बच्ची को लेकर वह अकेली जिला अस्पताल आ गई। 

इलाज के लिए बेचे जेवर

बच्ची की मां आकांक्षा विश्वकर्मा के मुताबिक जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिला तो उसने अपनी ज्वेलरी बेचकर निजी अस्पताल में इलाज शुरू कराया है। बच्ची के पैर में गंभीर चोट है। जिसका इलाज कराना जरुरी था। 

प्रबंधन को शिकायत का इंतजार

अस्पताल प्रबंधन के जवाबदार अधिकारियों का कहना है कि मरीज के परिजनों द्वारा इस मामले की लिखित शिकायत की जाती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की गंभीर लापरवाही पर भी प्रबंधन को शिकायत का इंतजार है। 
 

Created On :   22 Jun 2019 1:10 PM IST

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