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नवजात बेटी की हत्या के आरोपी से मां बरी, 15 साल पहले हुई थी मौत
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने एक महिला को अपनी नवजात बेटी के हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने ठोस सबूतों के अभाव में आरोपी महिला को राहत दी है। कोर्ट का निरीक्षण रहा कि, कोई भी महिला अपने बच्चे की इतनी बेरहमी से हत्या नहीं कर सकती, जिसे उसने 9 माह अपनी कोख में पाला हो। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के इस निरीक्षण को खारिज कर दिया कि, चौथी बेटी होने के कारण महिला ने फ्रस्ट्रेशन के कारण नवजात बेटी की हत्या की है। आरोपी महिला मंदाबाई वांगे अमरावती जिले के तलेगांव दशासर की निवासी है। घटना 23 जनवरी 2005 की है। महिला ने गांव के ही सरकारी अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया था।
पुलिस ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई
पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार जन्म के एक घंटे के भीतर ही उसने अपनी नवजात बेटी की हत्या कर दी थी। मामले में पुलिस ने महिला पर भादंवि की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था। अमरावती सत्र न्यायालय ने मामले में महिला को दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट ने निरीक्षण दिया कि, मामले में सभी 6 गवाहों में से किसी ने भी महिला को उसकी बेटी की हत्या करते नहीं देखा। अस्पताल की नर्सों और अन्य स्टाफ ने बस पुलिस को इतना बताया था कि, जब आखरी बार उन्होंने बच्ची को मां के साथ छोड़ा था, तब वह स्वस्थ थी, इसके बाद अचानक बच्ची के मुंह और नाक से खून निकलने लगा, तब उन्हें मामले की सूचना दी गई। जिसके बाद बच्ची की मृत्यु हो गई।
बस से उतरते समय गिरे व्यक्ति की मौत
बस से उतरते समय जख्मी हुए व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक आनंदराव व्यंकटराव बांगरे (50), कोराडी नाका निवासी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आनंदराव बांगरे 20 जनवरी को शाम करीब 7 बजे सीताबर्डी से बस में डिफेंस जा रहे थे। इसी दौरान नवनीत नगर बस स्टाॅप के पास बस रुकने पर वह नीचे उतरते समय गिर पड़े। गंभीर रुप से जख्मी आनंदराव को उपचार के लिए मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान 1 फरवरी को उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर वाड़ी पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया। जांच जारी है।
Created On :   3 Feb 2020 2:18 PM IST