राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण के पीक पर रहने के दौरान मेडिकल कॉलेज
डिजिटल डेस्क, शहडोल। मेडिकल कॉलेज शहडोल को कोविड-19 संक्रमण के पीक पर रहने के दौरान राज्य सरकार से मिलने वाली 132 स्लाइश क्षमता की उच्च तकनीक सीटी स्कैन मशीन अब नहीं मिली। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हुए 10 माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं मिलने से सबसे ज्यादा नुकसान उन मरीजों को हो रहा है जो गंभीर अवस्था में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों को डॉक्टर द्वारा सीटी स्कैन करवाने की सलाह दिए जाने पर 5 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है। प्रतिदिन से 8 से ज्यादा मरीज ऐसे होते हैं जिन्हे सीटी स्कैन करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल तक दौड़ लगानी पड़ती है।
सोनोग्राफी को लेकर भी ऐसे ही हालात
मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सोनोग्राफी की भी सुविधा नहीं मिल रही है। यहां सेवाएं देने वाले चिकित्सक बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा है, लेकिन डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है। बतादें कि मेडिकल कॉलेज से प्रतिदिन से आठ से दस मरीजों को सोनोग्राफी के लिए जिला अस्पताल भेजा जाता है। इनमें ऐसे मरीज भी होते हैं जो प्रसूता होते हैं। इन्हे मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल भेजने के दौरान कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
-मेडिकल कॉलेज को 132 स्लाइश क्षमता की सीटी स्कैन मशीन की सुविधा मिलने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि मशीन यहां तक पहुंचने में कहां विलंब हो रहा है। कोशिश कर रहे हैं कि मशीन की सुविधा यहां इलाज के आने वाले मरीजों को जल्द मिले।
Created On :   19 July 2022 5:55 PM IST