पॉल्यूशन रोकने में विफल महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम पर 5 करोड़ का जुर्माना

Maharashtra Industrial Development Corporation fined for failing to stop pollution
पॉल्यूशन रोकने में विफल महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम पर 5 करोड़ का जुर्माना
पॉल्यूशन रोकने में विफल महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम पर 5 करोड़ का जुर्माना

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रीय हरित पंचाट (एनजीटी) ने मुंबई के तलोजा औद्योगिक क्षेत्र में पर्यावरण रोकने में विफल रहे महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) को 5 करोड़ का जुर्माना भरने के निर्दश दिए हैं। साथ ही एनजीटी ने कहा है कि 30 सिंतबर तक यदि जुर्माने की राशि नही भरी जाती है तो, एमआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), डिप्टी सीईओ (पर्यावरण) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव का वेतन रोक दिया जाए।

अरविंद पुंडलिक म्हात्रे की याचिका पर बीते मंगलवार को सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा है कि तलोजा औद्योगिक क्षेत्र में भले ही प्रदूषण को ट्रीट करने के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगा दिया गया हो, लेकिन क्षेत्र में प्रदूषण बेरोकटोक बदस्तूर जारी है। कारखानों से निकल रहा प्रदूषित पानी बिना ट्रीट किए जलाशयों में डाला जा रहा है। जिससे न केवल स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को खदरा पैदा हुआ है बल्कि इको सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है।

एनजीटी ने यह भी कहा कि यदि पूर्व आदेशों के अनुसार मुआवजे की शेष राशि और वर्तमान राशि 30 सिंतबर तक जमा नही की जाती है तो एमआईडीसी के सीईओ, डिप्टी सीईओ और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव का वेतन रोक दिया जाए। एनजीटी ने नियामक प्राधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे 15 अक्टूबर 2019 तक एक अनुपालन रिपोर्ट दायर करें। साथ ही निगरानी समिति को भी उसी तारीख तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है।  

एनजीटी ने मामले में इससे पहले अप्रैल 2018 को सुनवाई के दौरान क्षेत्र में प्रदूषण रोकने के उपाय करने तक अंतरिम मुआवजे के रुप में सीईटीपी ऑपरेटर को 5 करोड़ रुपये जिला मैजिस्ट्रेट के पास जमा करने के लिए कहा था। इसके बाद भी क्षेत्र में प्रदूषण नही रोका गया और 17 अक्टूबर 2018 को हुई सुनवाई के दौरान फिर एनजीटी ने 5 करोड़ का जुर्माना ठोका। हैरानी की बात यह है कि दो बार निर्देश देने के बावजूद नियामक प्राधिकारी प्रदूषण रोकने के उपाय करने में विफल रहे। लिहाजा समयबद्ध कार्य योजना के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के जज वीएम कानडे की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने 9 अप्रैल 2019 को उन कारखानों को जो प्रदूषण के स्त्रोत बने हुए उन्हें सुधारात्मक कार्रवाई तक बंद करने के निर्देश दिए थे।  
 

Created On :   7 Sept 2019 7:23 PM IST

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