निजी बसों की मनमानी-एसटी की बसों के किराए से 50 प्रतिशत तक अधिक लेने के अधिकार का गलत उपयोग

Loot exemption: arbitrariness of private buses
निजी बसों की मनमानी-एसटी की बसों के किराए से 50 प्रतिशत तक अधिक लेने के अधिकार का गलत उपयोग
लूट की छूट निजी बसों की मनमानी-एसटी की बसों के किराए से 50 प्रतिशत तक अधिक लेने के अधिकार का गलत उपयोग

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मौजूदा समय निजी बस के किराये को देख ऐसा लग रहा जैसे इन्हें लूट की छूट मिली हुई है। एसटी बसों के किराए से 50% तक अधिक किराया लेने का अधिकार शासन की ओर से मिला है, जिसको पहले से ही वसूला जा रहा है। इसके बाद भी त्योहार की आड़ में और कई गुणा ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। सिर्फ नागपुर से पुणे की बात करें तो ढाई हजार से 4 हजार तक किराया वसूला जा रहा है। ट्रेनों में बर्थ नहीं मिलने और एसटी बसों में भारी भीड़ के कारण यात्री मजबूरी में इस लूट को सह रहे हैं। 

800 निजी बसें रजिस्टर्ड

जिले में करीब 800 निजी बसें आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं। नागपुर से पुणे, हैदराबाद, रीवा, रायपुर, अमरावती, वर्धा, औरंगाबाद, इंदौर, बीड़, मुंबई, अकोला, धुले, नाशिक, सूरत, बनारस, जबलपुर आदि जगहों पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री  बसें जाती हैं। दिवाली में भीड़ बढ़ते ही निजी बस चालकों द्वारा किराया में जबर्दस्त इजाफा कर दिया जाता है। दरअसल, सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जारी हुए पत्रक के अनुसार निजी बसों को एसटी बस किराया की तुलना में 50 प्रतिशत किराया बढ़ाने का अधिकार है। इसी अधिकार का दुरुपयोग ये ऐन त्योहारों में करते हैं। 24 अक्टूबर को दिवाली है। ऐसे में पुणे, इंदौर, रायपुर, जबलपुर, जालना, अकोला आदि जगहों से बड़ी संख्या में लोग अपने घर त्योहार मनाने आ रहे हैं। फिलहाल नागपुर से उक्त दिशा में जाने वाले यात्रियों की संख्या कम रहने से किराया सामान्य है, लेकिन दिवाली के बाद 26 अक्टूबर से उक्त दिशा में जाने वाली बसों का किराया आसमान छू रहा है। 

यह है हाल : गुरुवार को मानस चौक परिसर में बने कुछ टूर्स ट्रैवल्स में पूछताछ करने पर आसमान छू रहा किराया सामने आया। उनका कहना था कि दिवाली के लिए नागपुर में लाखों की संख्या में लोगों का आना होता है, जो दिवाली व भाईदूज के खत्म होते ही वापसी करना शुरू करते हैं। ऐसे में बसों में जगह नहीं रहती है। हर दिन के अनुसार, टिकटों का रेट बढ़ता जाता है। टिकट शुल्क हजारों तक किया जाता है। ऐसे में वापसी करने वाले यात्रियों की जेब ढीली होना तय है। शनिवार के लिए नागपुर-पुणे का किराया महज 700 बताया गया। दिवाली के बाद यही टिकट दिन के अनुसार ढाई, तीन व 4 हजार तक महंगी होने की बात बताई गई। इंदौर जाने के लिए फिलहाल 1200 में टिकट मिल रही है। दिवाली के समय 3 हजार तक में टिकटें बेची जा रही हैं। इसके अलावा  वर्तमान में औरंगाबाद का 850 रुपए, कोल्हापुर का 1200 रुपए, शेगांव का 500 रुपए किराया बताया गया। दिवाली के बाद किराया प्रति दिन 500 के हिसाब से बढ़ने की बात कही गई। 

नियमों को ठेंगा 
निजी बसों के लिए आरटीओ की ओर से यातायात संबंध में विशेष नियम बनाए गए हैं। इसमें मुख्य द्वार के साथ आपातकालीन द्वार, आपातकालीन स्थिति में कांच तोड़ने के लिए बस में हथौड़ी का इंतजाम, अग्निशमन यंत्र, बस पूरी तरह फिट होने का सर्टिफिकेट आदि का समावेश है। बावजूद इसके कई बसों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। यात्री संख्या अधिक होने पर बसों में लापरवाही से होने वाली घटनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता।

{नागपुर से पुणे का किराया 22 अक्टूबर के लिए 700 रुपए बताया गया। 26 अक्टूबर को 3 हजार तक पहुंचने की जानकारी दी गई। 
{नागपुर हैदराबाद का किराया 22 अक्टूबर के लिए  796 है। 26 अक्टूबर को 14 सौ के पार जाने की बात कही गई। 
{नागपुर-इंदौर के लिए 22 अक्टूबर की अग्रिम बुकिंग 17 सौ में हुई। दिवाली के बाद किराया 2 हजार तक पहुंच जाएगा। 
{नागपुर-सिवनी का किराया 22 अक्टूबर के लिए 8 सौ है। दिवाली के बाद इसमें कम से कम 5 सौ का इजाफा दिखाया गया।  
{नागपुर जबलपुर का किराया 22 अक्टूबर को 1 हजार दिखाया गया, लेकिन 26 अक्टूबर को 12 सौ से 14 सौ होने की जानकारी मिली।

ऑफ सीजन में लॉस में चलती हैं बसें
ट्रैवल्स एसोसिएशन के सचिव महेन्द्र लुले से इस विषय पर पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन वह जानकारी देने में असमर्थ रहे। इससे जुड़े कुछ बस संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एसोसिएशन द्वारा निर्णय लेकर ही किराया बढ़ाया जाता है। ऑफ सीजन में कई बार बसें लॉस में चलती हैं। त्योहारों के वक्त किराया बढ़ाकर उसे पूरा किया जाता है। 

लगातार कार्रवाई की जा रही

शासन की ओर से वर्ष 2018 में जारी परिपत्रक के अनुसार, निजी बस में एसटी बसों के किराए की तुलना 50 प्रतिशत किराया अधिक लिया जा सकता है। इससे ज्यादा किराया यदि कोई बस चालक लेता है, तो कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा बसों की फिटनेस व आदि नियमों को नजर अंदाज करने को लेकर लगातार हमारी ओर से कार्रवाई की जा रही है। 

-हर्षल डाके, एआरटीओ, शहर आरटीओ नागपुर

फायदा न उठाएं निजी बस संचालक 

दिवाली पर पर्याप्त परिवहन व्यवस्था नहीं होने का फायदा निजी बस संचालक उठाते हैं। इन पर लगाम कसना होगा। त्योहार हो या सामान्य दिन, किराया एक जैसा ही लेना जरूरी है, ताकि यात्रियों को सफर में कोई दिक्कत न हो। 
-बसंत कुमार शुक्ला, सचिव, भारतीय यात्री केन्द्र नागपुर

Created On :   21 Oct 2022 5:52 PM IST

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