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नोटा सें भी कम पड़े पोस्टल बैलेट से वोट, दिलचस्पी नहीं ली या नहीं मिले पोस्टल बैलेट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव तो निपट गए, लेकिन पोस्टल बैलेट का मुद्दा जस का तस रह गया। जिला प्रशासन जहां चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट भेजने का दावा करता रहा, वहीं कर्मचारी पोस्टल बैलेट नहीं मिलने का दावा करते रहे। काउंटिंग के बाद खुलासा हुआ कि नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 8075 पोस्टल बैलेट भेजे गए थे,जबकि पोस्टल बैलेट से केवल 4296 ही वोट पड़ सके। इससे ज्यादा 4578 वोट नोटा पर पडे़। पोस्टल बैलेट पर नोटा भारी पड़ा।
चुनाव ड्यूटी में लगे कुल 14533 कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट भेजे गए थे। इनमें से नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 8075 पाेस्टल बैलेट भेजे गए थे। जिला प्रशासन ने डाक विभाग के माध्यम से पोस्टल बैलेट भेजने की व्यवस्था की थी। अधिकांश कर्मचारी लगातार आरोप लगा रहे थे कि उनके घर तक पोस्टल बैलेट नहीं पहुंचे, वहीं प्रशासन बार-बार दावा कर रहा था कि अनडिलिवर्ड पोस्टल बैलेट कर्मचारी को बुलाकर दिए जा रहे है। 23 मई को जब काउंटिंग हुई तो सारी स्थिति स्पष्ट हो गई। 8075 में से पोस्टल बैलेट से केवल 4296 ही वोट पडे़। इधर नोटा पर 4578 वोट पड़े। जिला प्रशासन मतदान करने के लिए वोटरों को प्राेत्साहित कर रहा था, लेकिन चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी खुद ही वोट नहीं कर सके।
हमें न डाक से मिले न कलेक्ट्रेट से मिले बैलेट
रितेश काशीकर, अरुण मेहरुलिया, शेखर उमाटे, गौतम मेश्राम, संदीप घोडीचोर, मरगडे, जोगेंद्र हरदास व राजू सोनटक्के को 23 मई के पहले तक पोस्टल बैलेट नहीं मिले। पोस्टल बैलेट के लिए ये कर्मचारी डाक विभाग से लेकर कई बार कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। किसी से इन्हें प्रतिसाद नहीं मिला। रितेश काशीकर का कहना है कि हमने अधिकारियों से भेंट करके अपनी व्यथा बताई, लेकिन बैलेट नहीं मिले और हम वोट नहीं कर सके।
जिला प्रशासन का दावा
जिला प्रशासन का दावा है कि डाकिए के माध्यम से जिनके घर तक बैलेट नहीं पहुंचे वे बैलेट वापस कलेक्ट्रेट पहुंचे। फिर यहां से संपर्क कर कर्मचारी को बुलाकर पोस्टल बैलेट दिए गए। पूरी कोशिश के बावजूद नागपुर में पोस्टल बैलेट से 4296 ही वोट पड़े।
Created On :   27 May 2019 3:04 PM GMT