लोहित मतानी होंगे भंडारा के नए एसपी, संभालेंगे पद

Lohit Matani will be the new SP of Bhandara, will take over the post
लोहित मतानी होंगे भंडारा के नए एसपी, संभालेंगे पद
जिम्मेदारी लोहित मतानी होंगे भंडारा के नए एसपी, संभालेंगे पद

डिजिटल डेस्क, भंडारा। वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी तथा आईआईटी से मटेरियल साइंस के अलावा बीटेक और एमटेक की शिक्षा ले चुके लोहित मतानी जिले के नए जिला पुलिस अधीक्षक होंगे। हाल ही में आईपीएस अधिकारी वसंत जाधव का स्थानांतरण करने के पश्चात उनका प्रभाग अपर पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती को सौंपा गया था। तबसे अनिकेत भारती जिला पुलिस अधीक्षक का पद संभाल रहे है। मतानी शुक्रवार को अपना पद संभालेंगे।

28 जुलाई 2022 को जिला पुलिस अधीक्षक वसंत जाधव का ट्रांसफर कर दिया गया, तबसे नागपुर में पुलिस उपायुक्त पद पर कार्यरत लोहित मतानी का नाम एसपी पद के लिए चल रहा था। गुरूवार को इस पर मुहर लग गई। लोहित मतानी जिले के नए एसपी होंगे। अनुशासन, काम के अलग अंदाज के लिए लोहित मतानी की पहचान है। उनके नियुक्त होने पर जिले के कानून व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने की बात कही जा रही है।

जबरन वसूली मामले में निलंबित डीसीपी पराग मणेर बहाल 

जबरन वसूली के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के साथ निलंबित किए गए डीसीपी पराग मणेरे को बहाल कर दिया गया है। पिछले साल दिसंबर में निलंबित किए गए मणेरे के खिलाफ ठाणे के कोपरी और कल्याण स्थित बाजारपेठ पुलिस स्टेशनों में दर्ज जबरन वसूली और एट्रासिटी के आरोप में दर्ज एफआईआर के आधार पर निलंबित किया गया था। जिस समय मणेरे को निलंबित किया गया था वे नागपुर उत्पाद शुल्क विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनात थे। संयुक्त सचिव व्यंकटेश भट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृहविभाग की अध्यक्षता वाली समिति ने 14 जुलाई को इस मुद्दे पर विचार करने के बाद निलंबन वापस लेने की सिफारिश की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है। आदेश उनके खिलाफ दर्ज मामले में अदालत के फैसले और विभागीय जांच के अधीन होगा। बता दें कि मणेरे परमबीर सिंह के करीबी अधिकारियों में शामिल थे। सिंह के ठाणे पुलिस कमिश्नर रहते वे वहां अपराध शाखा में डीसीपी के तौर पर तैनात थे जबकि बाद में उन्हें इसी पद पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में भेजा गया था। 

क्या था मामला

मणेरे के खिलाफ इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे ने अकोला पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी जिसे आगे की जांच के लिए कल्याण पुलिस के पास भेज दिया गया था। घाडगे का दावा है कि परमबीर सिंह के कहने पर एक मामले में उन्होंने आरोपियों को राहत नहीं दी तो मणेरे और दूसरे आरोपियों ने उन्हें परेशान किया और जाति सूचक गालियां दीं। इसके अलावा कोपरी पुलिस स्टेशन में सिंग, मणेरे और तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक संजय पांडे ने सिंह, मणेरे और दूसरे पुलिस अधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया था।    
 

Created On :   4 Aug 2022 7:07 PM IST

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