Bhandara News: देश का पहला कार्बन न्यूट्रल विलेज बना बेला, मिला राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024

देश का पहला कार्बन न्यूट्रल विलेज बना बेला, मिला राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024
  • महिला सरपंच शारदा गायधने के प्रयास रहे सफल
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मु़र्मू के हाथों मिला था सम्मान

Bhandara News भंडारा तहसील के तहत आने वाली बेला ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 के अंतर्गत देश के पहला कार्बन न्यूट्रल विलेज पुरस्कार 2024 प्राप्त हुआ है। जिसके लिए महिला सरपंच शारदा गायधने ने कड़ी साधना कर गांव को इस मुकाम पर पहंुचाया है। कचरा प्रबंधन के काम की शुरुआत करते समय लोगों ने उनके काम को समय की बर्बादी बताया। किंतु अपने काम के प्रति सच्ची लगन से आज बेला ग्राम देश का पहला कार्बन न्यूट्रल विलेज बनाने का उनका सपना पूरा हुआ है। शारदा गायधने को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कार भी मिला है।

शहर से करीब तीन किमी. की दूरी पर स्थित बेला गांव जिसकी 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 5 हजार 914 थी। आज बेला गांव स्वयंपूर्ण ग्रामपंचायत हैं। जिसकी जनसंख्या लगभग 10 हजार पर पहुंची है। 12 जनवरी 2023 को यहां की महिला सरपंच शारदा गायधने ने पदभार संभाला। इससे पूर्व वर्ष 2012 से 2017 में वह महिला सरपंच रह चुकी थीं। तक से गांव में विकास को लेकर अलग दृष्टिकोण रखकर कार्य करना उनका उद्देश्य रहा। गांव में शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले गांव के स्वास्थ्य अच्छा करने के उद्देश्य से पर्यावरण पर काम करने की उन्होंने मन में ठानी। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं सबसे महत्वपूर्ण विषय था कचरा प्रबंधन। जिसके प्रति रुचि दिखाते हुए ई-व्हीकल के माध्यम से कचरा इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू की।

प्लास्टिक कचरे से लेकर इलेक्ट्रानिक कचरा, गीला कचरा, विघातक कचरे का अलग अलग विलगीकरण किया गया। आज भी सभी कचरे पर उचित प्रक्रिया करके उस उपयोग करने के लायक बनाना। गीले कचरे एवं जैविक कचरे से खाद बनाना। खाद का प्रयोग कर गांव की बंजर जमीन पर पौधारोपण कर भारी संख्या में उनका जतन किया जा रहा है। जनसहयोग से यह सब बदलाव करने गांव में सरपंच शारदा गायधने की पहल से संभव हुए। जिससे पर्यावरण शुद्ध हुआ गांव का स्वास्थ्य सुधरा और गांव कार्बन न्यूट्रल विलेज बना। आज गांव में जिला परिषद की शाला है। जिसमें कक्षा 1लीं से लेकर 7वीं तक कक्षाएं हैं। जिसकी छात्रसंख्या करीब 400 है। गावं में डिजीटल लाइब्ररी जनसहभाग से तैयार की गई। तालाब का गहराईकरण जनसहयोग से किया गया। गांव में पानी अब पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है। बेला आज कार्बन न्यूट्रल ग्राम के साथ ही स्वच्छ सुंदर गांव बन चुका है।

Created On :   24 April 2025 3:34 PM IST

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