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पांच दिन बाद भी पूरी नहीं हुई 8.50 लाख रुपए की धान की जांच
डिजिटल डेस्क, शहडोल । धनपुरी पुलिस ने 8 लाख 50 हजार रुपए की धान संदिग्ध मानते हुए जब्त तो कर लिया, लेकिन उसकी असलियत का पता लगाने में नाकाम रही है। दोनों ट्रकों को थान परिसर में खड़ा कराने के बाद यह सामने नहीं आ पाया कि आखिर धान कहां से लोड किया गया। धनपुरी पुलिस की ओर से मामला कलेक्टर शहडोल के पास भेज दिया गया है। चर्चा है कि जांच में लेटलतीफी के चलते संबंधित जन मामले को दबाने में कामयाब होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि धनपुरी पुलिस ने 7 अगस्त को दो ट्रक धान पकड़ा था। ट्रक क्रमांक डब्ल्यूबी 23 डी 6973 व डब्ल्यूबी 23 डी 4773 में 250-250 क्विंटल धान लोड होना बताया गया है। खरीदी दर से यह धान करीब साढ़े 8 लाख रुपए की है। धान का संदिग्ध परिवहन मानते हुए धारा 102 पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु की गई थी। बुढ़ार मंडी ने धान परिवहन की अनुज्ञा मेसर्स बालाजी एग्रोटेक इंडस्ट्री रांची के नाम काटी गई है। पहले पुलिस ने बताया था कि मंडी से संपर्क कर अनुज्ञा का परीक्षण कराया जाएगा। लेकिन पता चला है कि मंडी और नागरिक आपूर्ति विभाग से सहयोग नहीं मिलने के कारण पुलिस ने मामला जिला प्रशासन के पास भेजना ही उचित समझा। टीआई नरबद सिंह धुर्वे का कहना था कि अब कलेक्टर के निर्देश पर जांच होगी।
नान व फूड विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम तथा जिला आपूर्ति विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि बताया गया है कि ट्रक में जो धान लोड है वह प्लास्टिक की बोरियों में खोहरी गोदाम से लोड किया गया था। मिलरों के नाम पर धान बाहर भेजी जा रही है। धान शासकीय है इसकी आशंका होने के बाद भी दोनों विभागों ने पुलिस से संपर्क करना जरूरी नहीं समझा। नान प्रबंधक एसपी गुप्ता ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनके गोदामों से उठाव नहीं हुआ। मॉनीटरिंग व उठाव के बाद वेरीफिकेशन का दायित्व फूड विभाग का भी है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
Created On :   14 Aug 2022 3:53 PM IST