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सिंचाई घोटाला : 262 टेंडर खंगाले जा रहे , 24 प्रकल्पों की जांच जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के बहुचर्चित सिंचाई घोटाले पर अतुल जगताप द्वारा दायर 4 जनहित याचिकाओं को हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि विदर्भ के सिंचाई प्रकल्पों का काम कहां तक पहुंचा है। इधर, एसीबी ने भी कोर्ट में अपना शपथ-पत्र प्रस्तुत कर कोर्ट को बताया कि राज्य के 24 सिंचाई प्रकल्पों में हुए भ्रष्टाचार की जांच जारी है। इसमें 18 प्रकरणों की जांच पूरी हो चुकी है। चार्जशीट प्रस्तुत करने के लिए सरकार की अनुमति लंबित है। चार प्रकरणों में जांच अंतिम चरण में है। एक प्रकरण में चार्जशीट प्रस्तुत करने के लिए ठोस सबूत नहीं मिल सके, एसीबी ने इसे बंद करने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर कर रखी है।
लंबा वक्त लगेगा
एसीबी के अनुसार, एसआईटी की ओर से विदर्भ के 16 सिंचाई प्रकल्पों में कुल 262 टेंडर की जांच की गई। इसमें गोसीखुर्द प्रकल्प में 1 से 25 करोड़ के 155 टेंडरों की जांच की गई। अनेक ठेकेदार असम, दिल्ली, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से हैं। जांच के लिए एसीबी को लंबा वक्त लगेगा।
यह है मामला
हाईकोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता अतुल जगताप और जनमंच संगठन ने स्वतंत्र जनहित याचिकाएं दायर की हैं, जिस पर कोर्ट एक साथ सुनवाई ले रहा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार से नजदीकियों के चलते बाजोरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को सिंचाई प्रकल्पों के कांट्रैक्ट मिले हैं। दावा है कि कांट्रैक्ट हथियाने के लिए कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है। मामले में पूर्व में एसीबी ने कोर्ट में स्पष्ट किया था कि संदीप बाजोरिया की कंस्ट्रक्शंस कंपनी के पास जिगांव प्रकल्प के काम का ठेका प्राप्त करने के लिए जरूरी पात्रता नहीं थी, इसके बाद भी निरीक्षण समिति ने उसे पात्र करार दिया। एसीबी ने बाजोरिया समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले में जगताप की ओर से एड.श्रीधर पुरोहित, जनमंच की ओर से एड.फिरदौस मिर्जा और राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद जयस्वाल ने पक्ष रखा।
Created On :   25 July 2019 12:39 PM IST