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सड़को के बीचों-बीच वाले पोल शिफ्टिंग के हाईकोर्ट ने दिए आदेश , 31 जनवरी तक दिया समय
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डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर में कई स्थानों पर सड़कों के बीच पड़ने वाले इलेक्ट्रिक पोल को हाईकोर्ट ने दुर्घटनाओं का कारण माना है। इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने नागपुर महानगरपालिका को महावितरण और यातायात पुलिस विभाग के सहयोग से 31 जनवरी तक पोल को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के आदेश जारी किए। सुनवाई के दौरान मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर, नासुप्र सभापति शीतल उगले तेली और ट्रैफिक डीसीपी चिन्मय पंडित के अलावा बड़ी संख्या में अधिकारी हाईकोर्ट में उपस्थित थे।
बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति को देखते हुए कोर्ट रूम की जगह हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में सुनवाई ली गई। सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सड़कों के बीच खंभे दुर्घटना को न्योता है। नागपुर में यह समस्या 1990 के दशक से चली आ रही है। यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त समस्या है, जिसे हम अगली पीढ़ी को नहीं देना चाहते। हां, पोल शिफ्टिंग का काम मुश्किल है, लेकिन जहां चाह होती है, वहां राह होती है। मनपा इस काम को पूरा करे। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक और नासुप्र की ओर से एड.गिरीश कुंटे ने पक्ष रखा।
चुनावों के चलते टलेगा काम
दरअसल, हाईकोर्ट ने बीती सुनवाई में मनपा को तुरंत पोल शिफ्टिंग का वर्क ऑर्डर जारी करके 4 माह में काम पूरा करने को कहा था। इस पर मनपा आयुक्त ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 20 और 22 जुलाई को इस काम का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है, लेकिन कुछ ही दिनों में राज्य में विधानसभा चुनाव है। ऐसी स्थिति में चार माह के भीतर काम पूरा होना जरा मुश्किल है। हाईकोर्ट ने उन्हें 31 जनवरी तक वक्त बढ़ा कर दिया।
लोडशेडिंग बढ़ेगी
एक मुद्दा यह भी उठा कि इतने बड़े पैमाने पर पोल शिफ्टिंग के काम के लिए खासा वक्त लगेगा और इतने वक्त तक महावितरण को लोडशेडिंग करनी पड़ेगी। इस पर हाईकोर्ट ने साफ किया कि नागरिकों को बेवजह लंबे समय तक बिजली सुविधा से वंचित न रखा जाए। मनपा और महावितरण मिल कर एक प्लान तैयार करें। शिफ्टिंग का काम जोन स्तर पर विभाजित कर लें। जिस क्षेत्र में काम करना हो केवल उतने ही क्षेत्र में बिजली कटाैती करें। बिजली कटौती के पूर्व लोगों को सूचित भी करें ताकि अस्पताल, स्कूल, कोर्ट जैसी जरूरी संस्थाएं जरूरी प्रबंध कर सकें। कोर्ट ने महावितरण को पाेल शिफ्टिंग के दौरान बिजली काटने की छूट दी।
दरअसल, चौड़ाईकरण के चलते शहर में 22 बिजली के खंभे और ट्रांसफॉर्मर्स सड़कों के बीच आ गए हैं। यह समस्या 90 के दशक से जस की तस है। प्रशासन ने इसे ठीक करने की कोई जहमत नहीं उठाई, जबकि वर्ष 2001 में बाकायदा इस काम के लिए बजट में प्रावधान भी किया गया था। इस प्रशासनिक लेट-लतीफी का खामियाजा वाहन चालकों और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वर्ष 2005 में यह मुद्दा हाईकोर्ट के समक्ष आया था, जिसमें कोर्ट ने महावितरण, मनपा और संबंधित विभागों को आपसी सहयोग से खंभों के स्थानांतरण के आदेश दिए थे। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला यह मुद्दा सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वयं सू-मोटो जनहित याचिका दायर की है।
Created On :   21 Sept 2019 11:36 AM IST