एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए जाने पर जवाब पेश करने तीन हफ्ते की मोहलत

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 एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए जाने पर जवाब पेश करने तीन हफ्ते की मोहलत

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए जाने के मामले में केन्द्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद नियत की है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने जनहित याचिका दायर कर विधानसभा में एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि संविधान में एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन का प्रावधान केवल 10 साल के लिए किया गया था। इस प्रावधान को 10-10 साल के लिए बढ़ाया जाता रहा। वर्तमान में यह प्रावधान 2020 तक के लिए लागू है। मध्यप्रदेश विधानसभा में एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन 2023 तक के लिए हो रहा है। इसलिए इस प्रावधान को निरस्त किया जाए। अधिवक्ता अजय रायजादा ने तर्क दिया कि मध्यप्रदेश की सरकार अल्पमत में है। अल्पमत को बहुमत में बदलने के लिए एंग्लो इंडियन विधायक का मनोनयन किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से युगल पीठ से जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध किया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में जनवरी 2019 में नोटिस जारी किए गए थे। अभी तक इस मामले में जवाब पेश नहीं किया गया। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दे दी है।

दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की कैद

जिला अदालत ने एक महिला के साथ दुष्कर्म के आरोप में राजीव गांधी नगर माढ़ोताल निवासी चंद्रमोहन कटारे को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने आरोपी पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।  अभियोजन के अनुसार माढ़ोताल थाना अंतर्गत राजीव गांधी नगर निवासी एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह घरों में झाडू-पोछा लगाने का काम करती है। 9 दिसंबर 2014 को रात 9 बजे अपने घर पर थी। तभी पड़ोस में रहने वाला 50 वर्षीय चंद्रमोहन कटारे उसके घर में जबरन घुस आया। इसके बाद उसने दरवाजे की चिटकनी बंद कर दी। चिटकनी बंद करने के बाद आरोपी ने उसका मुंह दबाकर उसके साथ जबरदस्ती की। जैसे ही आरोपी ने उसका मुंह छोड़ा, उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे उसके पड़ोसी आ गए। इसके बाद आरोपी भाग गया। माढ़ोताल पुलिस ने इस मामले में धारा 376 और 450 का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक कुक्कू दत्त ने तर्क दिया कि आरोपी ने महिला के अकेलेपन का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कृत्य किया। पड़ोसियों ने आरोपी को महिला के घर से भागते हुए देखा था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को 10 साल का कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
 

Created On :   24 July 2019 2:27 PM IST

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