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Jabalpur News: 112 करोड़ से आंखों में धूल झोंकते रहे अब "धूल' राेकने के 54 करोड़ अटके

- सेंट्रल ने फंडिंग रोकी, पर्यावरण मंत्रालय से मिल रहा था निगम को बजट
- 2021 से लेकर 2023 तक 3 सालों के भीतर शहर को 112 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
- सड़कों की धूल जमाव को कम करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में एक दर्जन वाटिका बनाई गईं।
Jabalpur News: पाॅल्यूशन कन्ट्रोल करने के लिए केन्द्र सरकार ने पानी की तरह पैसा लुटाया। नगर निगम के खाते में 112 करोड़ डाले लेकिन अफसर सिर्फ धूल कम करने की बजाए आंखों में ही धूल झोंकते रहे। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने अब फंडिंग पर रोक लगा दी है। नतीजतन, अगली किश्त के रूप में मिलने वाली 54 करोड़ की रकम हासिल नहीं हो सकी है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले फायनेंशियल ईयर में 54 करोड़ का फंड देना तय किया था।
इससे प्रदूषण नियंत्रण के लिए अलग-अलग तरह के कामों होने थे। वैसे तो यह फण्ड अप्रैल 2024 के बाद मिल जाना था पर अब 2025 अप्रैल की सीमा तक यह रकम नहीं मिल सकी। बता दें कि 2021 से लेकर 2023 तक 3 सालों के भीतर शहर को 112 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
अब कैसे रोकेंगे प्रदूषण
पाॅल्यूशन कन्ट्रोल के लिए केन्द्र से वित्तीय मदद न मिलने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अब स्थानीय निकाय को अपनी राशि से ही पाॅल्यूशन कन्ट्रोल के लिए जरूरी उपाय करने होंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक जैन कहते हैं कि अब तक यह बजट नहीं मिल सका है। फिलहाल स्थानीय निकायों को खुद ही राशि खर्च कर प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय जारी रखने होंगे।
कुछ इस तरह कर सकते हैं कंट्रोल
धूल प्रदूषण को करने के लिए सड़कों के किनारे वाटिका का निर्माण
डिजिटल रूप में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स की हर दिन माॅनीटरिंग
सड़क किनारे धूल खत्म करने पेवर ब्लॉक लगाना। शहर की कुछ सड़कों के निर्माण का कार्य।
काम की क्वालिटी इतनी घटिया
पेवर ब्लॉक लगाए, ज्यादातर उखडे़
पाॅल्यूशन कन्ट्रोल के लिए बीते कुछ सालों में जो पेवर ब्लॉक अलग-अलग हिस्सों में कई किलोमीटर के दायरे में लगाये गये उनमें से ज्यादातर उखड़ चुके हैं या धूल में समा गये। किसी भी हिस्से में सड़क के किनारे लगाये गये पेवर ब्लॉक घटिया क्वालिटी के वर्क की वजह से टिक नहीं पाये।
वाटिका बनी और उजड़ भी गईं
सड़कों की धूल जमाव को कम करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में एक दर्जन वाटिका बनाई गईं। इसमें एक लिंक रोड स्नेह नगर की वाटिका छोड़कर ज्यादातर उजाड़ हो चुकी हैं। कहीं पर इनके अंदर चाय-पान के ठेले जमे हैं तो कहीं घास, पौधे सूख चुके और सब कुछ उजड़ा हुआ नजर आ रहा है।
Created On :   9 April 2025 12:44 PM IST