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लेबर कोर्ट करें एसोसिएशन के हर सदस्य की पहचान सुनिश्चित, 341 दैवेभो को मिली राहत
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर से निकाले गए 341 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के मामले में दायर राज्य सरकार की याचिका का निराकरण कर दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने लेबर कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए कॉलेज के आवेदन पर अतिरिक्त वाद बिंदु निर्धारित करने का निर्देश दिया है। एकल पीठ ने लेबर कोर्ट को निर्देश दिया कि एसोसिएशन के हर सदस्य की पहचान सुनिश्चित की जाए। लेबर कोर्ट को 6 माह में प्रकरण का निराकरण करने का निर्देश दिया गया है। याचिका के निराकरण होने से दैवेभो के मामले में लेबर कोर्ट में चल रही सुनवाई पर लगाई गई रोक समाप्त हो गई। इससे अब दैवेभो मामले में लेबर कोर्ट में सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।
341 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी थी
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर ने 11 अगस्त 2015 को 341 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी थी। सेवा समाप्ति के खिलाफ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ की ओर से लेबर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। संघ की ओर से आपत्ति पेश कर कहा गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ को प्रकरण दायर करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही कॉलेज ने इसे अतिरिक्त वाद बिंदू के रूप में सुनवाई करने का अनुरोध किया था। लेबर कोर्ट ने कॉलेज के इस आवेदन को खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट ने लगाई थी सुनवाई पर रोक
इस मामले में कॉलेज की तरफ से राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। 15 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट ने दैवेभो मामले में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी। दैवेभो की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद ने तर्क दिया कि लेबर कोर्ट में नियमों के अनुसार सुनवाई की जा रही है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से मामले को टालने के लिए अंडगेबाजी की जा रही है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने लेबर कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए कॉलेज के आवेदन पर अतिरिक्त वाद बिंदू तय करने का निर्देश दिया है। एकल पीठ ने एसोसिएशन के प्रकरण में शामिल दैवेभो की पहचान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
Created On :   12 July 2019 7:54 AM GMT