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कचरा बना मुसीबत... जिला अस्पताल से बायोमेडिकल वेस्ट उठाने से कंपनी ने किया इनकार
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा।मेडिकल कॉलेज से संबद्धता के साथ ४०० बेड वाले जिला अस्पताल की क्षमता बढक़र ६५० बेड की हो गई है। बेड बढऩे से जहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा हुआ है। वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन की समस्याएं भी बढ़ गई है। जिला अस्पताल से निकलने वाला बायोमेडिक वेस्ट प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सिवनी की एक कंपनी चार सौ बेड के अनुबंध के तहत बायोमेडिकल वेस्ट उठा रही थी। कंपनी अब ढाई सौ बेड का अतिरिक्त पेमेंट मांग रही है। पेमेंट न बढऩे पर कंपनी ने बायोमेडिकल वेस्ट को उठाना बंद कर दिया है।
अस्पताल प्रबंधन ने अतिरिक्त पेमेंट के लिए भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय व मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से संपर्क किया था, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है। जिसकी वजह से जिला अस्पताल परिसर में बायोमेडिकल वेस्ट का ढेर लगता जा रहा है। इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। प्रबंधन ने प्रशासनिक अधिकारियों से इस समस्या के समाधान के लिए मदद मांगी है।
१५ रुपए प्रति बेड से पेमेंट-
अस्पताल प्रबंधन द्वारा कंपनी को १५ रुपए प्रति बेड के हिसाब से बायोमेडिकल वेस्ट का पेमेंट कर रही थी। कंपनी अतिरिक्त ढाई सौ बेड की पेमेंट मांग रही है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस अतिरिक्त खर्च को वहन कर सकता है लेकिन कॉलेज प्रबंधन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
बदबू से गायनिक के पेशेंट परेशान-
बायोमेडिकल वेस्ट एकत्र करने के लिए प्रबंधन ने पुरानी मच्र्युरी कक्ष में व्यवस्था बनाई है। इसी से लगी बिल्डिंग में गायनिक ओपीडी, किचन और वार्ड संचालित हो रहा है। परिसर से पूरा बायोमेडिकल वेस्ट न उठने से यहां से दुर्गंध उठने लगी है। जिसकी वजह से ओपीडी में आने वाली गर्भवती महिलाएं परेशान है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
सिवनी की कृपा वेस्टेंज कंपनी २५० बेड का अतिरिक्त भुगतान मांग रही है। भुगतान न होने पर कंपनी ने बायोमेडिकल वेस्ट उठाना बंद कर दिया है। इस समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य संचालनालय से पत्राचार किया गया है।
Created On :   25 Aug 2022 10:56 AM GMT