मूंग-उड़द बेचने तैयार नहीं किसान, 30 फीसदी हुआ पंजीयन
डिजिटल डेस्क, कटनी । जिले में देरी से मंूग और उड़द का पंजीयन शुरु होने से किसान इस ओर रुचि नहीं ले रहे हैं। दरअसल पिछले वर्ष तक जहां जून में ही खरीदी शुरु हो जाती थी। वहीं इस वर्ष लेट लतीफ जुलाई के दूसरे पखवाड़े से पंजीयन का कार्य शुरु हुआ। जिसके चलते करीब सत्तर प्रतिशत अन्नदाता मंडी या फिर अन्य जगहों पर मंूग और उड़द बेच चुके हैं। वर्तमान समय में जिस तरह के हालात बने हैं। उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि शायद ही इस बार खरीदी केन्द्रों तक पंजीकृत किसान पहुंचे। ग्रीष्मकालीन फसल में मूंग और उड़द की बोवाई जिले में 6 हजार से अधिक किसानों ने की थी। अभी तक करीब 2 हजार किसान ही पंजीयन कराए हैं।
यह है पंजीयन की स्थिति
क्र. तहसील मूंग उड़द
१. कटनी १४३ ७६
२. ढीमरखेड़ा ४४७ १८८
३. बड़वारा १९४ ३८
४. रीठी ७ १
५. वि.गढ़ २७ १४
६. स्लीमनाबाद १६५ ३५
टोटल १२६७ ५०१
मंडी में तेजी से आवक
कृषि उपज मंडी में मूंग और उड़द की तेजी से आवक हो रही है। रोजाना यहां पर सौ क्विंटल से अधिक मंूग और उड़द की आवक है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि जब खरीदी का काम शुरु होगा, तब इसका वास्तविक लाभ अन्नदाताओं को नहीं मिलेगा। ग्रीष्मकालीन फसल गाहने के बाद ही किसान विक्रय की तैयारी में लग जाते हैं। इस बार जून का सीजन चुनावी सरगर्मी में ही गुजर गया। खरीदी की तिथि में असमंजस को लेकर अधिकांश किसान मंूग और उड़द की फसल व्यापारियों को बेच चुके हैं।
देरी से बनी स्थिति
वर्तमान समय में बारिश का दौर शुरु होने से फिर से किसान खेती में जुट गए हैं। ऐसे में केन्द्रों तक किसानों को पहुंचाने में विभाग को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस सबंध में बताया गया कि यह स्थिति देरी से बनी है। यदि जून में ही खरीदी शुरु हो जाती, तो किसान एमएसपी पर फसल विक्रय कर सही दाम पा लेता, लेकिन अब किसान बाजार में औने-पौने दामों में अपनी फसल बेच चुका है।
Created On :   28 July 2022 6:01 PM IST