राकांपा में गुटबाजी कायम, प्रदर्शन में नहीं दिखे दुनेश्वर पेठे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में स्थानीय स्तर पर गुटबाजी कायम है। जलापूर्ति को लेकर राकांपा की ओर से प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। तीव्र आंदोलन करने की भी तैयारी दिखाई जा रही है, लेकिन गुटबाजी के तहत अलग-अलग ताल ठोंकी जा रही है। शहर राकांपा की ओर से मनपा प्रशासन के विरोध में किए गए प्रदर्शन में मनपा में राकांपा के गुटनेता दुनेश्वर पेठे की अनुपस्थिति ने गुटबाजी को और भी बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में संगठन कार्य को लेकर राकांपा में गुटबाजी खुलकर सामने आई है।
संगठनात्मक नेतृत्व पर सवाल
उधर, राकांपा के ही एक पदाधिकारी ने कहा कि, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने की महत्वाकांक्षा ने कुछ नेताओं को अनुशासनहीन बना दिया है। नगरसेवक पेठे राकांपा के बजाय जय जवान जय किसान संगठन के प्रमुख पदाधिकारी लगते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि, शहर राकांपा में सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों को विश्वास में नहीं लिया जा रहा है। संगठनात्मक नेतृत्च पर सवाल उठ रहे हैं।
एक गुट अहिरकर, दूसरा पेठे के साथ
एक गुट शहर अध्यक्ष अनिल अहिरकर के साथ है, तो दूसरा नगरसेवक दुनेश्वर पेठे के साथ है। प्रदेश स्तर के संगठन पदाधिकारी भी भूमिका बदलते रहते हैं। इस बीच सक्रियता दिखाने का प्रयास हुआ तो गुट भी सक्रिय हो गए। 10 मई को जलसंकट को लेकर नगरसेवक पेठे के नेतृत्व में मनपा प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन हुआ। उसमें राकांपा के अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल नहीं थे। 13 मई को प्रदेश पदाधिकारी धनराज फुसे इसी जलापूर्ति के ही विषय को लेकर िजला प्रशासन के अधिकारियों से मिलने पहुंचे। उनके साथ पूर्व मंत्री रमेश बंग व अन्य पदाधिकारी थे। अहिरकर व पेठे शामिल नहीं हुए। उसके बाद पारडी में हादसा प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण कार्यालय में पेठे ने जय जवान जय किसान संगठन के पदाधिकारियों के साथ निवेदन सौंपा। राकांपा के प्रमुख पदाधिकारी शामिल नहीं हुए। यहां तक की पूर्व मंत्री अनिल देशमुख का जन्मदिन कार्यक्रम भी अलग-अलग मनाया गया। इस पूरे मामले पर राकांपा के शहर अध्यक्ष अहिरकर ने कहा है कि पार्टी की ओर से होने वाले कार्यक्रम व प्रदर्शनों में सभी पदाधिकारियों को सूचना दी जाती है। नगरसेवक भी आमंत्रित रहते हैं। कई बार अनेक कारणों से कुछ पदाधिकारी उपस्थित नहीं हो पाते हैं। गुटबाजी का कोई विषय नहीं है।
Created On :   19 May 2019 4:45 PM IST