सभी को पर्यावरण बचाने का जतन करना चाहिए- विद्यासागर महाराज

डिजिटल डेस्क, वाशिम। मध्यप्रदेश से वाशिम जिले की सीमा तक विहार करते समय सड़क निर्माणकार्य के चलते बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई किए जाने की बात ध्यान में आई । इस कारण मार्ग में गर्माहट का प्रमाण अधिक महसुस हुआ । इस कारण पर्यावरण प्रेमियों समेत सभी नागरिकों से पेड़ लगाने की ओर ध्यान देने का प्रतिपादन आचार्य संत श्री शिरोमणी 108 विद्यासागर महाराज ने प्रवचन के दौरान जिले की मंगरुलपीर तहसील के ग्राम त-हाला में बुधवार को किया । जिले स्थित जैन समाज की काशी के रुप में प्रसिद्ध श्रीक्षेत्र शिरपूर जैन में महाराज का चातुर्मास 10 जुलाई से प्रारम्भ होंगा । इस हेतू महाराज पिछले एक माह से 500 से 600 किलोमीटर के पैदल विहार पर निकले । अपने मार्गदर्शन में महाराज ने आगे कहा की सड़क के किनारे रहनेवाले पेड़ों की बड़े पैमाने पर हत्या किए जाने की बात ध्यान में आई । इस कारण विकास तो हुआ लेकिन गर्माहट का प्रमाण बढ़ गया । लेकिन इस गर्माहट को कम करने के लिए प्रत्येक वृक्षप्रेमी को इस ओर ध्यान देकर पेड़ लगाने का प्रमाण बढ़ाना चाहिए । जो अमीर है वह तो एअर कंडिशन गाडी और बंगलों में रहता है लेकिन हमारा विहार एअर कंडिशन में ना होने से हमे मौसम का अच्छाखासा अनुभव प्रत्यक्ष रुप में देखने को मिलता है । अमरावती होते हुए जिले के कारंजा में महाराज का आगमन हुआ । प्रतिदिन 12 किलोमीटर का पैदल विहार करते हुए 12 किलो मीटर के बाद वे सम्बंधित स्थान पर विश्राम करते और वहाँ जैन समाजजनों के धार्मिक प्रवचन कार्यक्रम शुरु रहते । कारंजा के बाद महाराज शेलुबाज़ार की ओर मार्गस्थ हुए । शेवती, त-हाला, शेलूबाज़ार, लाठी होते हुए वे शिरपूर जैन जाएंगे । इसबीच बुधवार 6 जुलाई को उनका शेलुबाज़ार चौक में आगमन हुआ, जहाँ पर सकल जैन नागरिकों की ओरसे जयघोष के साथ उनका स्वागत किया गया । बाद में वे शिरपुर जैन के लिए आगे मार्गस्थ हुए ।
Created On :   8 July 2022 3:44 PM IST