नागपुर में पहली बार पकड़ी गई 20 करोड़ की सुपारी

Directorate of revenue intelligence seized supari worth 20 crores
नागपुर में पहली बार पकड़ी गई 20 करोड़ की सुपारी
नागपुर में पहली बार पकड़ी गई 20 करोड़ की सुपारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने इंडोनेशिया से कस्टम ड्यूटी चोरी कर नागपुर लाई जा रही 20 करोड़ मूल्य की घटियां सुपारी पकड़ने से सुपारी कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। नागपुर में पहली बार इतने बडे पैमाने पर सुपारी पकड़ी गई और इसी के साथ डीआरआई की रडार पर नागपुर के कई नामी-गिरामी कारोबारी आ गए है। डीआरआई ने 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेने के अलावा कई कारोबारियों को पूछताछ के लिए कार्यालय में तलब किया है। 

सुपारी पर 108 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। नागपुर में हर दिन दर्जनों ट्रक सुपारी पहुंचती है। एक ट्रक सुपारी की कीमत 40 से 50 लाख होती है। इस हिसाब से नागपुर में हर दिन करोड़ों की सुपारी का कारोबार होता है। इंडोनेशिया में घटिया या सड़ी सुपारी काफी सस्ते दाम पर मिलती है। इंडोनेशिया से म्यांमार, मोरे बॉर्डर क्रास होते हुए मणिपुर, असम, छत्तीसगड़ होते हुए घटियां सुपारी नागपुर पहुंचने की सूचना आरडीआई को मिली थी। आरडीआई ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगड व नागपुर के आसपास जाल बिछाकर इंडोनेशिया से तस्करी कर लाए गए सुपारी से भरे 10 ट्रक पकड़े। ड्राइवरों से पूछताछ में पता चला कि सड़ी सुपारी का बडा गोदाम कलमना एरिया में है। इस गोदाम पर छापा मारकर करोड़ों ं की सुपारी जब्त की। डीआरआई अब तक 500 मैट्रीन टन सुपारी जब्त कर चुकी है, जिसकी कीमत 20 करोड़ है। नागपुर सुपारी तस्करी का मध्य भारत का अड्डा बन गया है। यहां से सुपारी की खेप पडोसी राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगड व पूरे विदर्भ में होती है। 

10 कारोबारी रडार पर 

पूछताछ में आरडीआई को कई सनसनीखेज जानकारी प्राप्त हुई है। पूरी तस्करी का मास्टर माइंड नागपुर का व्यक्ति है, जो फिलहाल देश में नहीं है। कोठारी नामक कारोबारी पूरे मामले में समन्वय बनाने का काम करता है। इंडोनेशिया से माल निकलने से लेकर नागपुर आकर कहां-कहां डिलिवरी करना है, इसकी जानकारी कोठारी के पास होती है। कोठारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। शहर के 10 कारोबारी आरडीआई की रडार पर है। इन पर कभी भी गाज गिर सकती है।


कस्टम ड्यूटी चुराने सड़क मार्ग का सहारा 

विदेश से एयरपोर्ट व पोर्ट पर आनेवाले सामानों पर कस्टम ड्यूटी लगती है। आरडीआई ने जो सुपारी पकड़ी वह सड़क मार्ग से लाई जा रही थी। सड़क मार्ग से सुपारी लाकर इसे देशी सुपारी बताने की कोशिश होती है। इसके लिए ड्राइवरों के पास बाकायदा ई वे बिल की पर्ची होती है। इंडोनेशिया व म्यांमार से भारतीय सीमा में घुसते समय सुपारी का पकड़ा न जाना समझ से परे है। तस्करों की सेटींग सीमा तक होने की चर्चा है।


राजनीतिक आकाओं की शरण में 

डीआरआई की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ बड़े कारोबारी राजनीतिक आकाआें की शरण में जाने की खबर है। इसके पूर्व एफडीए ने करोड़ों की घटियां सुपारी का पर्दापाश किया था, लेकिन बाद में जांच के नतीजे बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए। इसीतरह सुपारी कारोबारी पुलिस की रडार पर भी आए, लेकिन धमाकेदार कार्रवाई नहीं हो सकी। डीआरआई सुपारी तस्करी की जड़ तक पहुंचने की कोशिश में है। जो सुपारी पकड़ी गई है, उस पर लगभग 10 करोड़ की कस्टम ड्यूटी लग सकती थी। डीआरआई पूरे मामले को लेकर बेहद गोपनीयता बरत रही है। मामले में लिप्त लोग प्रभावशाली होने से फूंक-फूंककर कदम उठाए जा रहे है। 


हो सकता हैं कॉफेपोसा एक्ट का इस्तेमाल 

कई दिनों की मेहनत का नतीजा है कि डीआरआई सुपारी तस्करी का पर्दापाश कर सकी है। राष्ट्रहित व फारेन करेंसी के मामले में कॉफेपोसा एक्ट लगाने का अधिकार डीआरआई को प्राप्त है। इस एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए 60 दिन तक भी बुलाया जा सकता है।

Created On :   29 May 2019 12:57 PM IST

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