- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- शिक्षिका को द्वितीय क्रमोन्नति का...
शिक्षिका को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ देने पर 6 सप्ताह में करो निर्णय :हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि हाईकोर्ट के पूर्व निर्णय के प्रकाश में शिक्षिका को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने पर 6 सप्ताह में निर्णय लिया जाए। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया है।
पदोन्नति का त्याग कर दिया
गणेशगंज स्कूल रांझी में शिक्षिका रीता विश्वकर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वर्ष 2012 में उसे हेडमास्टर के पद पर पदोन्नति दी गई थी, लेकिन उसने पदोन्नति का त्याग कर दिया। इसके बाद उसे 23 जनवरी 2018 को द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दिया गया। पदोन्नति का त्याग करने के आधार पर उसे द्वितीय क्रमोन्नति से वंचित कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि मप्र हाईकोर्ट ने लखनलाल दुबे बनाम राज्य शासन मामले में अभिनिर्धारित किया है कि पदोन्नति का त्याग करने पर किसी कर्मचारी को क्रमोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने निर्देशित किया कि हाईकोर्ट के पूर्व निर्णय के प्रकाश में द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने पर 6 सप्ताह में निर्णय लिया जाए।
मेनिट भोपाल के प्रोफेसर की सेवा समाप्ति पर रोक
हाईकोर्ट ने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी भोपाल (मेनिट) के प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार बघेल की सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने मेनिट के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। मेनिट भोपाल के प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार बघेल की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि उनकी बागरी जाति अनुसूचित जाति में नहीं आती है। मामले की जांच कॉस्ट स्कूटनी कमेटी द्वारा की गई। कॉस्ट स्कूटनी कमेटी ने बागरी जाति को अनुसूचित जाति में नहीं माना। कॉस्ट स्कूटनी कमेटी के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेशित किया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की कठोर कार्रवाई नहीं की जाए। अधिवक्ता विपिन यादव ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कॉस्ट स्कूटनी कमेटी के आदेश के आधार पर याचिकाकर्ता की सेवा समाप्त कर दी गई है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने प्रोफेसर की सेवा समाप्ति पर रोक लगा दी है।
Created On :   21 Jun 2019 2:38 PM IST