1137 अवैध निर्माण कार्य को लेकर कोर्ट सख्त, पूछा- जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हुई

Court strict on illegal construction work asked what action was taken on the responsibilities
1137 अवैध निर्माण कार्य को लेकर कोर्ट सख्त, पूछा- जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हुई
1137 अवैध निर्माण कार्य को लेकर कोर्ट सख्त, पूछा- जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हुई

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  बेसा-बेलतरोड़ी ग्राम पंचायत अंतर्गत 1137 अवैध निर्माण कार्यों के लिए जिम्मेदारी बिल्डर्स व सरकारी अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई, यह सवाल मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने  जिलाधिकारी से किया। इस मामले में नागपुर खंडपीठ ने 4 सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है। 

सामाजिक कार्यकर्ता अनिल वडपल्लीवार की जनहित याचिका 2009 से न्यायालय में याचिका लंबित है। इस पर न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व अविनाश घरोटे के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान, वडपल्लीवार ने शपथ पत्र देकर संबंधित अवैध निर्माण कार्य, बिल्डर्स व सरकारी कर्मचारी पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी 2010 को दिए आदेशानुसार, जिलाधिकारी ने बेसा-बेलतरोड़ी ग्राम पंचायत सीमा में अवैध निर्माण कार्य का सर्वेक्षण कर 20 अप्रैल 2010 को रिपोर्ट दी थी। इस अनुसार, बिल्डर्स ने सरकारी अधिकारियों से साठ-गांठ कर 1137 स्थानों पर अनधिकृत निवासी व व्यावसायिक निर्माण कार्य किए हैं।

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कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप
डेवलपमेंट कंट्रोल रेग्युलेशंस व अन्य कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। इसके बावजूद किसी पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए नोटिस 409 लोगों को नहीं मिले और 72 प्रतिवादी नोटिस तामील होने के बावजूद जिलाधिकारी के सामने सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुए। इसी तरह 111 प्रकरण में अभी भी निरीक्षण लंबित है। इस बाबत प्रतिज्ञापत्र द्वारा न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया। इस आधार पर न्यायालय ने उक्त आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर ने कामकाज देखा।  
 

Created On :   12 March 2020 5:12 AM GMT

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