खसरा नंबर 662 में बनी अवैध कॉलोनी को तोडऩे पहुँचा निगम का अमला

घंटों तक चला हंगामा, मौके प रप हुँचे जनप्रतिनिधि, कार्रवाई टली खसरा नंबर 662 में बनी अवैध कॉलोनी को तोडऩे पहुँचा निगम का अमला

डिजिटल डेस्क जबलपुर। मेडिकल कॉलेज, बालसागर तालाब के समीप खसरा नंबर 662 में ग्रीन बेल्ट और तालाब की जमीन पर बनी अवैध कॉलोनी को नगर िनगम का अमला शुक्रवार सुबह तोडऩे के लिए पहुँचा। अमले के पहुँचते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। इसमें नया मोड़ तब आया जब कार्रवाई रुकवाने के लिए नगर िनगम के ही जनप्रतिनिधि मौके पर पहुँचे और धरने पर बैठ गए। लगभग 3 घंटे तक हंगामा चला। अंतत: अवैध कॉलोनी को तोडऩे की कार्रवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई।
बताया गया है कि नगरीय प्रशासन और आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बालसागर के खसरा नंबर 662 में ग्रीन बेल्ट और तालाब की जमीन पर शास्त्री नगर के समीप बनी अवैध कॉलोनी को तोडऩे का आदेश जारी किया था। शुक्रवार सुबह से यहाँ पर अवैध कॉलोनी को तोडऩे के लिए नगर िनगम का अमला पहुँचा। इसके बाद यहाँ पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, निगमाध्यक्ष रिकुंज विज और नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल, भाजपा नेता डॉ. अभिलाष पांडे, कांग्रेस नेता मनोज सेठ सहित कुछ अन्य जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुँच गए। देखते ही देखते यहाँ पर बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग भी एकत्रित हो गए। देर तक गहमा-गहमी बनी रही।
बिल्डरों और अफसरों पर हो कार्रवाई
धरने पर बैठे जनप्रतिनिधियों का कहना था कि यहाँ पर प्लॉट खरीदने वालों के साथ बिल्डरों ने धोखाधड़ी की है। उन्हें जमीन से संबंधित पूरे दस्तावेज दिखाकर प्लॉट बेचे गए। लोगों ने जीवन भर की कमाई निर्माण में लगा दी। मूल कार्रवाई बिल्डरों और तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ की जानी चाहिए। उनका आरोप था कि पूरा खेल बिल्डरों और तत्कालीन अधिकारियों की मिली भगत से हुआ है। जनप्रतिनिधियों का यह भी कहना था कि मकान धारकों को नोटिस तो भेजा गया, लेकिन सुनवाई के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। जब तक मामले की पूरी विस्तृत जाँच न हो जाए तब तक कार्रवाई को रोका जाए।
तीन सौ से ज्यादा मकान
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज के समीप 120 एकड़ के बालसागर तालाब का खसरा नंबर 662 है। यह जमीन तालाब और ग्रीन बेल्ट के मद में दर्ज है। बिल्डरों ने खसरा नंबर 662 की तालाब और ग्रीन बेल्ट मद में दर्ज जमीन बेचकर कॉलोनी तान दी। यहाँ पर 300 से अधिक मकान भी बन गए।
ऐसे हुआ था खुलासा
जानकारों के अनुसार वर्ष 2018 में खसरा नंबर 662 के तालाब और ग्रीन बेल्ट में बनी अवैध कॉलोनी को नियमित करने का मामला नगर निगम पहुँचा। नगर निगम ने राजस्व विभाग से जमीन के खसरे पर अभिमत माँगा। इस पर तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्वाज ने समिति गठित कर खसरे की जाँच कराई। इसके बाद पता चला कि अवैध कॉलोनी तालाब और ग्रीन बेल्ट के मद में दर्ज जमीन पर बनी है। इसका दायरा शास्त्री नगर तक फैला है।
एसडीएम ने कर दिया आवासीय डायवर्सन
नियमानुसार तालाब और ग्रीन बेल्ट के मद में दर्ज जमीन का आवासीय डायवर्सन नहीं किया जा सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि गोरखपुर के तत्कालीन एसडीएम ने 7 अक्टूबर 2014 को खसरा नंबर 662 के कई प्लॉटों का आवासीय डायवर्सन कर दिया। इस मामले में आवासीय डायवर्सन करने वाले एसडीएम के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार की जाँच या कार्रवाई नहीं की गई है।
7 लोगों पर दर्ज कराई थी एफआईआर
तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर खसरा नंबर 662 की जमीन बेचने के मामले में वर्ष 2020 में गुरंदी निवासी अमरनाथ सोनकर, नर्मदा गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र जैन, केएस डेवलपर्स के आदित्य सिंह, संजय चंद्रवंशी, आशीष सोनकर, विक्रांत सोनकर और भरतीपुर निवासी हीराबाई सोनकर के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआरआई कराई गई।
इनका कहना है- 
मेडिकल कॉलेज के समीप खसरा नंबर 662 पर बनी अवैध कॉलोनी को तोडऩे की कार्रवाई शुक्रवार को प्रस्तावित थी, लेकिन लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया। जल्द ही दोबारा कार्रवाई की जाएगी।
- शेर सिंह मीणा, प्रभारी निगमायुक्त

Created On :   10 Feb 2023 10:34 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story