कोरोना : मीडिया में बयानबाजी करने वाले डॉक्टर को नोटिस

Corona: Notice to doctor making rhetoric in media
कोरोना : मीडिया में बयानबाजी करने वाले डॉक्टर को नोटिस
कोरोना : मीडिया में बयानबाजी करने वाले डॉक्टर को नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस को लेकर जारी चेतावनी नजरअंदाज कर मीडिया में बयान देने वाले एक डॉक्टर को महाराष्ट्र चिकित्सा परिषद ने नोटिस जारी किया है। डॉ अनिल पाटील ने अपने बयान में कहा था कि मैं लिखकर देने को तैयार हूं कि कोरोना भारतीयों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता यह भारतीय गर्मी में टिक नहीं पाएगा। कुछ सालों पहले सार्स को लेकर भी इसी तरह की अफरातफरी मची थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। डॉ पाटील ने बीमारी को चीन की सनक करार देते हुए कहा था कि जल्द ही वे इसकी दवा बनाकर पूरी दुनिया को हजारों रुपयों में बेचेंगे और लोग इसे मूर्खों की तरह खरीदेंगे। मास्क बनाने के कारखानों से हजारों लोग करोड़पति हो जाएंगे। एमसीए अध्यक्ष डॉ शिवकुमार उत्तेकर के मुताबिक डॉ पाटील को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि वायरस को लेकर उन्होंने जो दावे किए हैं उसकी पुष्टि करने के लिए उनके पास कोई शोध या डाटाबेस है। उन्होंने कहा कि पाटील ने अपने साक्षात्कार में कई ऐसे दावे किए हैं जो केंद्र सरकार की ओर से जारी परामर्श का उल्लंघन करते हैं। डॉ पाटील का कोरोना वायरस के प्रकोप के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श के खिलाफ बोलना स्वीकार्य नहीं है। कोरोना वायरस के प्रकोप और उसकी गंभीरता को नकारने के लिए उनसे स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। उत्तेकर ने कहा कि पाटील के दावों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे वायरस को लेकर लापरवाही बढ़ सकती है। राज्य में कोरोना के 41 मरीज हैं और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।


कोरोना का दवा बेंचने का दावा करने वाला गिरफ्तार

उधर मुंबई पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जो कोरोना की दवा बेंचने का दावा कर रहा था। अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) के अधिकारियों ने मुलंड इलाके में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सोमवार देर रात छापेमारी की। शिकायत सही पाए जाने के बाद पुलिस ने एफडीए की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। एफडीए के एक अधिकारी ने बताया कि मुलुंड इलाके में स्थित शीतल आयुर्वेदिक भंडार में सोमवार रात छापेमारी की गई। यहीं दुकान मालिक कोरोना की दवा बेंचने का दावा करते हुए पोस्टर लगा रखे थे। घाटकोपर, मुलुंड, विलेपार्ले और कांदीवली इलाकों में स्थित दुकानों में 150 रुपए प्रति पैकेट दवा बेंचा जा रहा था। दुकानदार का दावा था कि इससे रोग प्रतिकारक क्षमता मजबूत होती है और लोग कोरोना की बीमारी से बचे रह सकते हैं। एफडीए अधिकारी ने बताया कि दवा के नाम पर आरोपी लोगों को सुदर्शन वटी बेंच रहा था। छापेमारी के बाद एफडीए अधिकारी कथित दवा के नमूनों की जांच करा रहे हैं। सात दिन पहले ही एफडीए ने नकली हैंड सैनेटाइजर बनाने और बेंचने के मामले में कांदिवली स्थित मेडिकल स्टोर और सांताक्रूज इलाके में स्थित दुकानों पर छापेमारी कर करीब सवा लाख रुपए का माल बरामद किया था। इसके अलावा कालाबाजारी रोकने के लिए हैंड सैनेटाइजर और सर्जिकल मास्क को जीवनावश्यक वस्तु कानून में शामिल कर लिया गया है। 
 

Created On :   17 March 2020 10:05 PM IST

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