- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- कोरोना : मास्क जरूरी नहीं कपड़े से...
कोरोना : मास्क जरूरी नहीं कपड़े से भी हो सकता है बचाव, वायरल मैसेज की इस नंबर पर करें पड़ताल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना से जुड़ी ऐसी जानकारी हम आपको दे रहे हैं, जो आपको जानना जरूरी है। अफवाह और दहशत के बीच हर कोई मास्क और सैनेटाइजर की ओर दौड़ रहा है। दरअसल, हमें सावधान रहना है, पर परेशान कतई नहीं होना है। तमाम ऐसी बिंदुओं पर दैनिक भास्कर से ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की निदेशक डाॅ. विभा दत्ता ने बात की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...
सवाल : क्या एक स्वस्थ व्यक्ति
को भी माॅस्क पहनने की आवश्यकता है?
जवाब : नहीं, यदि आप बीमार व्यक्ति के संपर्क में नहीं हैं तो माॅस्क पहनने की आवश्यकता नहीं है।
सवाल : भीड़ में या अस्पताल जा रहे हैं तो एन-95 मास्क ही आवश्यक है क्या?
जवाब : नहीं, एन-95 मास्क उनके लिए है, जो सीधे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। नॉर्मल मास्क भी पहन सकते हैं या कपड़े से भी मुंह ढक कर जा सकते हैं।
सवाल : यदि हमारे आसपास क्षेत्र में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज है तो क्या हमें डरने की आवश्यकता है?
जवाब : नहीं, आपको बिल्कुल डरने की आवश्यकता नहीं है। यह केवल 3 फीट की दूरी तक फैलता है। लेकिन यदि आप उनके घर जाते हैं, तो सावधान जरूर रहिए।
सवाल : अल्कोहल का उपयोग करने से यह वायरस खत्म होता है। ऐसी चर्चा है। सच्चाई क्या है?
जवाब : ऐसा बिलकुल नहीं है। कोरोना का वायरस नाक-मुंह से श्वास प्रणाली में रहता है।
सवाल : नॉन वेज खाने से या जानवरों से यह फैलता है क्या?
जवाब : चाइना में यह वायरस दुर्घटनावश मानव में आया है। अब यह मानव से मानव में सफर कर रहा है। इसलिए नॉनवेज खाने में कोई हर्ज नहीं है।
सवाल : अधिक तापमान में या गर्म पानी से यह वायरस खत्म हो सकता है क्या?
जवाब : नहीं, यह सच नहीं है। इतना जरूर है कि ठंडी जगह पर यह वायरस एक-दूसरे में तेजी से फैलता है।
सवाल : क्या यह जानलेवा है?
जवाब : नहीं, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार केवल 2 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है।
सवाल : लहसुन खाने या अन्य उपाय करने से बचा जा सकता है क्या?
जवाब : नहीं, इस तरह के किसी उपायों से नहीं बचा जा सकता है।
सवाल : मास्क और सैनेटाइजर बाजार में उपलब्ध नहीं है तो क्या करें?
जवाब : आप साधारण कपड़े से भी अपना बचाव कर सकते हैं। साथ ही साबुन से हाथ धोने से भी यह वायरस निष्क्रिय होता है।
सवाल : हाल ही में नागपुर शहर में पाए गए दो मरीजों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे, फिर भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
जवाब : इस तरह की घटना चाइना में भी हुई है। एक क्रूज में करीब 3 हजार लोग थे। उनमें 3 प्रतिशत लोगों को कोई लक्षण नहीं थे, फिर भी वह संक्रमित थे।इसमें दो तरह के रिस्क कॉन्टैक्ट हैं। पहला हाई रिस्क कॉनटेक्ट और दूसरा लो रिस्क कॉन्टेक्ट। हाई रिस्क कॉन्टेक्ट तब होता है जब आप सीधे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। इसमें उसके आसपास के सर्फेस पर भी वायरस रहता है। इसलिए इसका ध्यान रखें। लो रिस्क कॉन्टेक्ट तब होता है, जब आप भीड़ में जा रहे हैं।
कोरोना के वायरल मैसेज की पड़ताल करनी है, तो 9823087561 नंबर पर वॉट्सएप करें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा कि सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने वॉट्सएप नंबर 9823087561 जारी किया है। इस नंबर पर आप वायरल हो रही जानकारी की सत्यता जांच सकते हैं। आईएमए हाउस में शनिवार को पत्रकारों से डॉ. भोंडवे ने कहा- हम तीन बिन्दुओं पर काम कर रहे हैं। पहला- देशभर में किसी भी आईएमए प्राइवेट प्रैक्टिशनर के पास यदि संबंधित लक्षण का कोई मरीज पहुंचता है तो हम उसे सीधा सरकारी अस्पताल भेज रहे हैं। दूसरा- बचाव कैसे करें और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए साथ ही साधारण मास्क लगाने से आत्म संतुष्टि होती है, उसका कोई लाभ नहीं है। इस तरह के मास्क का उपयोग करके खुले में कतई न फेंके। अगर उसमें वायरस है तो पास से गुजरने वाला भी चपेट में आ सकता है। नागपुर के अलावा, मुंबई, नवी मुंबई, पुणे और ठाणे को 4 घंटे में आइसोलेशन वार्ड बनाने का समय दया गया था जो सभी ने तय समय में कर दिखाया। वहीं, जनवरी 2020 में निजी अस्पतालों से कोरोना के बढ़ने पर पलंगों की जानकारी मांगी गई थी। कुछ अस्पतालों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर काम किया जा रहा है। सरकार के साथ आईएमए खड़ी हुई है। इस मौके पर आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अशोक अढ़ाव, आईएमए नागपुर अध्यक्ष डॉ.कुश झुनझुनवाला, डॉ. डी.एन.अग्रवाल, डाॅ. मिलिंद नाईक, डॉ.संजय देशपांडे, डॉ.अर्चना कोठारी, डॉ.मंजूषा गिरि आदि थे।
डर को दूर भगाने के लिए तैयार किया वेबपोर्टल
कोरोना विषाणु का प्रकोप टालने के लिए जिला प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है, लेकिन अफवाहों से जन्म ले रहे भय को रोकना जिला प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है। इस भय को समाप्त करने के लिए वेबपोर्टल तैयार किया गया है। शहर के सोशल मीडिया विश्लेषक अजित पारसे ने तैयार किए www.fightagainstcorona.social वेबपोर्टल का लोकार्पण शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने किया। जिलाधिकारी ने विश्वास जताया कि अजित पारसे ने तैयार किया वेबपोर्टल नागरिकों को उपाययोजना बाबत निश्चित रूप से इसका फायदा होगा। वेबपोर्टल में मराठी व अंग्रेजी में कोरोना बाबत जानकारी दी गई है। कोरोना का संसर्ग किसी को भी हो सकता है, किस तरह होगा, लक्षण आदि की जानकारी दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्गदर्शन तत्व व उपाययोजना की जानकारी भी उल्लेखित है। नागरिकों को अफवाहों पर विश्वास रखने की बजाए प्रत्यक्ष क्या करें, क्या नहीं करें यह बताया गया है। इसके अलावा मनपा के नियंत्रण कक्ष का क्रमांक, राज्य सरकार का हेल्पलाइन क्रमांक, नियंत्रण कक्ष का क्रमांक आदि जानकारी सहित जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने नागरिकों को अफवाहों पर विश्वास नहीं रखने का आह्वान किया है। दुनिया भर के कोरोना मरीजों के ताजा आंकड़े एक ‘वर्ल्डोमीटर’ द्वारा दी जाती है। यह वर्ल्डोमीटर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तैयार किया है। इस वेबपोर्टल पर ‘वर्ल्डोमीटर’ द्वारा संदिग्ध मरीज, गंभीर मरीज, उपचार के बाद ठीक होने वाले मरीज, मृतक मरीजों के ताजा आंकड़े दिए जाएंगे।
Created On :   15 March 2020 4:14 PM IST