संक्रमण के दौर में सफाई व्यवस्था चौपट, ठेका कर्मियों ने वार्डों में काम करने किया इंकार

Cleanliness system in transition, contract workers refuse to work in wards
संक्रमण के दौर में सफाई व्यवस्था चौपट, ठेका कर्मियों ने वार्डों में काम करने किया इंकार
संक्रमण के दौर में सफाई व्यवस्था चौपट, ठेका कर्मियों ने वार्डों में काम करने किया इंकार

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कोरोना की संक्रमण चेन को तोडऩे के लिए जहां साफ-सफाई व्यवस्था को पहले से ज्यादा दुरुस्त करने के आदेश शासन द्वारा जारी किए गए हैं, वहीं दूसरी ओर शहर के 24 वार्डों की सफाई-सफाई व्यवस्था चौपट हो गई हैं। वेतन न मिलने से शहर के कई वार्डों में काम करने से ठेका कंपनी के कर्मचारियों ने साफ मना कर दिया है। शुक्रवार को ठेका कंपनी कर्मचारियों के नहीं आ पाने के कारण निगम अमले ने पुराने कर्मचारियों से शहर में साफ-सफाई करवाई तब जाकर व्यवस्था बन पाई हैं। इधर, लगातार आ रही शिकायतों और कर्मचारियों के विरोध के बीच शुक्रवार को नगर निगम द्वारा शहर में सफाई व्यवस्था संभाल रही लॉयंस कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं।
1 फरवरी 2020 से शहर की साफ-सफाई का ठेका हरियाणा लॉयंस कंपनी को दिया गया था। लेकिन मार्च में भी वेतन नहीं मिल पाने के कारण कंपनी के कर्मी काम करने को तैयार नहीं थे पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन करने के बाद जैसे-तैसे तो इन कर्मचारियों को सफाई के लिए तैयार किया गया। लेकिन इसके बाद भी कई वार्डों में कर्मचारी काम करने के लिए नहीं जा रहे हैं। शहर के वार्ड क्रमांक 11, 12, 14, 15, 17, 21, 32 और 39 में कंपनी के कर्मचारी कई दिनों से सफाई करने नहीं पहुंचे। व्यवस्था बिगड़ती देख सफाई निरीक्षक अनिल मालवी ने शुक्रवार को दूसरे वार्ड के कर्मचारियों को लाकर इन वार्डांे में साफ सफाई करवाई। तब जाकर शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो पाई हैं।
शुक्रवार को भी विरोध में उतरे कर्मचारी
शुक्रवार को भी सफाई कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने का विरोध किया। कर्मचारियों का कहना था कि पिछले दिनों भी अधिकारियों ने जल्द ही वेतन दिए जाने की बात कही थी लेकिन उसके बाद भी ठेका कर्मियोंं के फरवरी का वेतन प्रदान नहीं किया गया। अब मार्च खत्म होने में चंद दिनों का समय बचा है, दो महीने का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है।
अफसर बदले तो फाइल गुम
बताया जा रहा है कि कंपनी को 1 करोड़ 63 लाख  प्रतिमाह में शहर की साफ-सफाई का टेंडर प्रदान किया गया था, लेकिन अचानक प्रदेश में सत्ता का समीकरण बिगडऩे की वजह से पूरा मामला बीच में ही अटक गया। अब तो ये भी खबर आ रही है कि निगम के वार्ड से लेकर दफ्तरों में तैनात सभी कर्मचारियों को तकरीबन पौने तीन करोड़ रुपए वेतन के रूप में वितरित होते हैं। फिर सिर्फ 24 वार्डों की सफाई व्यवस्था का ठेका 1 करोड़ 63 लाख में किस अनुमान से अधिकारियों ने दे दिया। ये किसी के समझ नहीं आ रहा है। इस टेंडर से संबंधित फाइले भी कहां है ये भी किसी को खबर नहीं है।
निरस्त हो सकता है सफाई ठेका
सूत्रों का कहना है कि इस सफाई ठेके को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। शुक्रवार से ही सफाई ठेका निरस्त किए जाने की चर्चा थी, लेकिन निरस्त करने के पहले कोई भी नोटिस कंपनी को नहीं दिया गया था। इस कारण शुक्रवार को पहला नोटिस कंपनी को जारी किया गया हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही शहर की सफाई का ठेका निरस्त कर दिया जाएगा।
 

Created On :   28 March 2020 6:34 PM IST

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