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दुर्घटना में युवक की मौत पर चोला एमएस जनरल इंश्योरेंस ने नहीं दिया क्लेम
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आम आदमी स्वास्थ्य बीमा कराए या फिर लाइफ बीमा सभी में परिजनों को भटकने के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होता। बीमा कंपनी ऐसे नियमों का हवाला देती है कि बीमा कराते वक्त पॉलिसी धारक को एजेंट व बीमा अधिकारियों द्वारा नियमों के बारे में बताया ही नहीं गया था। प्रीमियम जमा करते वक्त यही कहा जाता है कि कुछ भी होता है तो हमारी कंपनी सारी राशि का भुगतान नॉमिनी को कर देती है। पॉलिसी धारक तो विश्वास में बीमा करा लेता है कि हमारे मरने के बाद परिजनों को जीवन गुजर-बसर करने हेतु इतनी राशि मिल जाएगी कि उसे किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा, पर पॉलिसी धारक की मौत होने के बाद जो नॉमिनी सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में सबमिट करता है, उन दस्तावेजों में इतनी खामियाँ बीमा अधिकारियों के द्वारा निकाल दी जाती हैं कि नॉमिनी महीनों चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन उन्हें राशि नहीं मिलती। अब बीमा कंपनी व उनके अधिकारियों से परेशान होकर बीमित कंज्यूमर कोर्ट में आवेदन लगाकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
पंचनामा प्रमाण-पत्र को बीमा कंपनी मानने तैयार नहीं-
रीवा आजाद नगर निवासी श्रीमती रानी चौरसिया ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेटा रायपुर पीडब्ल्यूडी में नौकरी करता था। उसने अपना बीमा चोला एमएस जनरल इंश्योरेंस से कराया हुआ था और उस बीमा की काॅपी में नाॅमिनी में मेरा नाम दर्ज है। बेटे का जून 2021 में न्यू रायपुर में एक्सीडेंट हो गया था। हादसे के दूसरे दिन बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अज्ञात वाहन की टक्कर से उक्त हादसा घटित हुआ था। बीमा कंपनी में मृतक का मृत्यु प्रमाण-पत्र सहित सारे दस्तावेज सबमिट किए गए थे। सबमिट करने के बाद अन्य दस्तावेजों की माँग की गई जो बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दिया गया। कुछ दिन बाद बीमा कंपनी मृतक की पंचनामा रिपोर्ट की माँग करने लगी तो उक्त रिपोर्ट भी बीमा कंपनी को दे दी गई पर उक्त दस्तावेज को बीमा कंपनी मानने को तैयार नहीं थी और नॉमिनी को क्लेम देने की बजाय उसे रिजेक्ट कर दिया। पीड़िता का आरोप है कि बीमा अधिकारियों के द्वारा हमारे साथ धोखा किया गया है। जिस कागज की माँग बीमा कंपनी कर रही है वह कागज भी दे दिया गया पर बीमा अधिकारियों के साथ ही क्लेम डिपार्टमेंट,सर्वेयर टीम के जिम्मेदार उसे मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं और बीमा अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उनसे संपर्क नहीं किया हो सका।
Created On :   20 Jun 2022 3:52 PM IST