एग्जाम की टेंशन से फ्री होकर बच्चे छुट्‌टियां बिता रहे

Children are freeing from the tension of examinations
एग्जाम की टेंशन से फ्री होकर बच्चे छुट्‌टियां बिता रहे
एग्जाम की टेंशन से फ्री होकर बच्चे छुट्‌टियां बिता रहे

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कोई मोबाइल में गेम खेलने में बिजी है, तो कोई सोसाइटी ग्राउंड में खेलता नजर आ रहा है। शहर में भले ही कोरोना वायरस का डर लोगों के मन में है, लेकिन बच्चे इससे परे अपनी मस्ती में मस्त हैं। स्कूलों में छुट्टी होने से फिलहाल उनके दिमाग से एग्जाम की टेंशन खत्म हो गई है। मम्मियों के सिर से भी एग्जाम का बोझ कुछ दिन के लिए दूर हो गया है। कुछ दिन से घरों में जो शांति थी, अब दिन भर धूम मची हुई है। मम्मियों से फरमाईश की जा रही है। बच्चे दोस्तों के साथ मिलकर घर और सोसाइटी में खेलते नजर आ रहे हैं। साथ ही मम्मी सभी के लिए टेस्टी और यमी फूड भी तैयार कर रही है। 

लास्ट पेपर बचा है
मेरा लास्ट पेपर 16 मार्च को था, लेेकिन स्कूल में छुट्टियां लग गई। पेपर कब होगा पता नहीं। 31 मार्च के बाद ही स्कूल में जाकर पता चलेगा कि, लास्ट पेपर कब होगा। पेपर की तैयारी पूरी हो गई है, इसलिए अब ज्यादा पढ़ाई नहीं कर रही हंंू। घर में रहकर बोर हो जाते हैं, इसलिए गार्डनिंग भी कर रही हूं। घर में रहकर कुछ क्रिएटिव कर रहे हैं। वैसे भी गर्मी के मौसम में पेड़-पौधों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए गार्डनिंग कर रहे हैं।  -रोहिनी चौधरी,स्टूडेंट

अचानक छुट्टी का मजा ले रहे हैं
एग्जाम के पहले अचानक छुट्टी मिलने से बहुत मजा आ रहा है। एग्जाम 23 मार्च से शुरू होने वाले थे, लेकिन 31 मार्च तक स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं, इसलिए अब एग्जाम अप्रैल में होंगे। इन दिनों हम सभी दोस्त मिलकर छुट्टियों का मजा ले रहे हैं। सोसाइटी के सभी दोस्त मिलकर एक जगह पर गेम खेलते हैं। मम्मी ने घर से बाहर खेलने से भी मना किया है, इसलिए घर में बैठकर वीडियो गेम खेलना बेस्ट ऑप्शन है। कोरोना के कारण मिली अचानक छुट्टी का मजा ले रहे है।  -दक्ष तिवारी, स्टूडेंट

बच्चों की होती है फरमाइश
कुछ दिन  पहले बच्चों के एग्जाम को लेकर टेंशन थी, लेकिन अब बच्चे घर में हैं। इसलिए पूरा दिन वे अलग-अलग डिश बनाने की मांग करते हैं। ऐसे में किचन में ज्यादा समय जाता है। हमने सभी बच्चों को सावधानी बरतने के लिए कहा है। घर में बाहर से आते ही उनको हाथ-पैर अच्छे से वॉश करने को कहा है। बच्चों को पैरेंट्स ही समझा सकते हैं, वे बाहर ग्राउंड में बहुत सारे लोगों के साथ खेलते हैं। इसलिए सभी पैरेंट्स ने बच्चों को समझाइश दी है। मास्क तो नहीं मिल रहे हैं, इसलिए उनके चेहरे पर रूमाल बांधने को कहा है। बच्चों को बाहर जाने से कितना भी रोके, लेकिन उन्हें जो करना है वहीं करते है। 
-शीला देशपांडे, हाउस वाइफ 

Created On :   18 March 2020 4:19 PM IST

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