11 महीने बाद भी नही दिया केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने सहयोग

Care Health Insurance Company did not cooperate even after 11 months
11 महीने बाद भी नही दिया केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने सहयोग
बीमित का आरोप जिम्मेदार कर रहे है हमें परेशान 11 महीने बाद भी नही दिया केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने सहयोग

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पॉलिसी कराने के बाद भूल जाओ की आपको कैशलेस में इलाज कराने मिलेगा। बीमा कंपनी ने पॉलिसी देते समय जो वादे किए थे वह पूरी तरह कोरे कागज की तरह थे। अस्पताल में भर्ती होते ही कैशलेस से इंकार कर दिया जाता है और अस्पताल का बिल भरने के बाद जब बीमा कंपनी में क्लेम किया जाता है तो बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट तथा उनके यहां पर पदस्थ चिकित्सक यह कहते हुए क्लेम रिजेक्ट करने में जुट जाते है कि आपको घर पर ही रहकर इलाज कराना था, अस्पताल में इलाज कराने की जरूरत नही थी। पॉलिसी धारकों का आरोप है कि जिन चिकित्सकों की डिग्री जानकारी बीमा कंपनी नही बता पा रही है, उन चिकित्सकों की परीक्षण रिपोर्ट पर कैसे तय किया जा रहा है, कि घर पर रहकर इलाज कराना चाहिए था। कुछ भी तर्क देकर बीमा कंपनी का एक ही उद्देश्य है कि किसी भी तरह क्लेम न देना पड़े। बीमित बीमा कंपनी के प्रबंधको पर कार्रवाई की मांग कर रहे है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ- 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

अब पॉलिसी रिन्यु कराने का बना रहे दबाव-

मण्डला जिले के बम्हनी वार्ड नंबर 14 निवासी अनुराग कुमार सिंगौरे ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। बीमा कराते वक्त एजेंट व बीमा कंपनी के मैनेजर ने कहा था कि आपको पूरा सहयोग दिया जाएंगा। पॉलिसी लेने के बाद वे सड़क हादसे में घायल हो गए। घायल अवस्था में निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ा था। जून 2021 से लगातार इलाज जारी है और अस्पताल में पॉलिसी क्रमांक 16001846 का कैशलेस कार्ड दिया गया था तो बीमा अधिकारियों ने बिल सम्मेट करने पर सारा भुगतान करने का दावा किया गया था। उन्होंने सारे दस्तावेज क्लेम पाने के लिए सम्मेट किए पर 11 महीने बाद भी उन्हें अस्पताल के बिलों का भुगतान नही मिला। बीमित लगातार टोल फ्री नंबर में संपर्क कर रहा है पर बीमा अधिकारी किसी तरह से सहयोग नही दे रहे बल्कि अब तो पॉलिसी रिन्यु कराने के लिए दबाव बना रहे है। बीमित का आरोप है कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के जिम्मेदार सैकड़ो लोगों के साथ जालसाजी कर चुके है और लगातार वे अपने दायरे को बढ़ाकर आम लोगों को परेशान कर रहे है।
 

Created On :   20 May 2022 5:03 PM IST

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