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आगे बढ़ सकती है बोर्ड परीक्षा की तारीख
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डिजिटल डेस्क, वर्धा। राज्य शिक्षा बोर्ड ने 10 वीं व 12 वीं कक्षा की परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया हैं। लेकिन छात्रों को ऑफलाइन पढ़ाई करने में कम समय मिला है। इसके कारण उन्हें 10 वीं व 12 वीं की ऑनलाइन परीक्षा देने में अड़चने आ सकती हैं। इसके कारण अभिभावकों के साथ ही छात्र भी परीक्षा की तारीख आगे धकेलने की मांग कर रहे हैं। इसके कारण 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा की तारीख आगे की जा सकती हैं।शिक्षा विभाग ने 12वीं की परीक्षा 4 मार्च 30 मार्च व दसवी की परीक्षा 15 मार्च से 4 अप्रैल के दरम्यान लेने की घोषणा की है। लेकिन छात्रों के विरोध को देखते हुए परीक्षा की तिथि बढ़ाने पर विचार बोर्ड विचार कर सकता है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां स्कूल वही परीक्षा केंद्र इस बात पर भी विचार किया जा सकता हैं कोरोना की वजह से पूरे सत्र में कम समय ही छात्रों की क्लासेस लगी थी। इसमें भी 50 प्रतिश क्षमता के साथ छात्र कक्षा में शामिल हुए थे। वहीं तीसरी लहर के दरम्यान कई छात्र कोरोना बाधित हो गए थे । इस वजह से छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ा हैं। इस बीच शिक्षा विभाग ने मार्च के पहले सप्ताह से बोर्ड की परीक्षा का टाईमटेबल जारी कर दिया हैं। परीक्षा ऑफलाइन पध्दति से लेने की बात की गई है। जबकि छात्रों का कहना है कि, ऑनलाइन क्लासेस होने के बाद ऑफलाइन परीक्षा देना नुकसानदायक हो सकता है।
इसके विरोध में छात्रों ने हाल ही में आंदोलन किया हैं। सरकार ऑफलाइन परीक्षा ही लेना चाहती हैं। लेकिन विकल्प के तौर पर तिथि एक माह के लिए आगे बढ़ाई जा सकती हैं। जिससे की छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने हेतू उचित समय मिल सके। वही दूसरी ओर दो डोज लेनेवाले छात्रों को ही ऑफलाईन परीक्षा देने की अनुमति होगी। लेकिन कई छात्रोंने पहला ही डोज लिया हैं। कई छात्रों का दुसरा डोज बाकी हैं। इसके कारण उनके सामने अडचने बढ सकती हैं। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से परीक्षाओं पर संकट के बाद मंडाराने लगे थें । तब स्कूल वहा केंद्र पैटर्न लागू किया गया था। लेकिन बाद में कोरोना का प्रकोप बढऩे की वजह से परीक्षा ही रद्द की गई थी। इस बार कोरोना की स्थिति में सुधार के बाद स्कूल शुरू हो गई हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शिक्षा विभाग के पास जहां स्कूल वहां केंद्र वाला विकल्प अब भी बचा हैं। इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिए जाने की संभावना हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए एक केंद्र में 25 से अधिक छात्रों को नहीं बैठाया जाएगा। जिस स्कूल के छात्र हैं।वहीं परीक्षा देने से कोरोना संक्रमण की संभावना कम रहेगी। साथ ही छात्रों को भी आसानी होगी।
Created On :   7 Feb 2022 7:14 PM IST