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एएसआई पर लगा जुर्माना, बार-बार आश्वासन, नहीं किया अमल
डिजिटल डेस्क, नागपुर । सिविल लाइंस स्थित जिला व सत्र न्यायालय (न्याय मंदिर) की पार्किंग व्यवस्था के लिए पुराने हाईकोर्ट परिसर में जगह उपलब्ध कराने में असमर्थ साबित हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) पर हाईकोर्ट ने 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल जिला न्यायालय में पार्किंग और अन्य समस्याओं पर केंद्रित एड. मनोज साबले द्वारा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
यह है मामला
याचिकाकर्ता एड. मनोज साबले ने विदर्भ के विविध न्यायालयों की अव्यवस्था के मुद्दे याचिका में उठाए हैं। याचिकाकर्ता की दलील है कि शहर के जिला न्यायालय परिसर में जगह की इतनी कमी है कि यहां आपातकाल में न्यायालय परिसर में फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस तक दाखिल नहीं हो सकती। सिविल लाइंस स्थित जिला न्यायालय में पार्किंग की समस्या है। जगह कम है और वाहन अधिक। इसके समाधान के लिए न्याय मंदिर परिसर में पार्किंग प्लाजा बनाने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। सिविल लाइंस स्थित भवन को वर्ष 1976 में जिला न्यायालय के लिए हस्तांंतरित किया गया था। उस वक्त लगभग 600 वकील थे। आज यह संख्या 6 हजार के करीब पहुंच गई है। ऐसे में सुविधाओं में वृद्धि के लिए नागपुर खंडपीठ के कार्यक्षेत्र में आने वाले विभिन्न जिला न्यायालयों की सुविधाओं में सुधार करने का मुद्दा जनहित याचिका में उठाया गया है।
जमीन उपलब्ध नहीं करवाई
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट को बताया कि एएसआई ने काफी पहले हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर पुराने हाईकोर्ट परिसर की जगह जिला न्यायालय की पार्किंग के लिए उपलब्ध कराने की हामी भरी थी। इसके लिए हाईकोर्ट ने इस परिसर में जीर्ण अवस्था में पड़ी कैंटीन और कर्मचारी आवास भी ढहाया। एएसआई ने 20 जून तक जमीन उपलब्ध कराने का दावा किया था, इसके बाद भी जिला न्यायलय को पार्किंग के लिए यह जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके पहले भी एएसआई के आश्वासन फेल साबित हुए। इस पर कोर्ट ने एएसआई पर 1 लाख का जुर्माना लगा दिया।
Created On :   20 July 2019 8:25 AM GMT