12 साल बाद एक बार फिर पाँचवीं-आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर
डिजिटल डेस्क जबलपुर। 12 साल बाद एक बार फिर से बोर्ड पैटर्न पर 25 मार्च से कक्षा पाँचवीं और आठवीं की परीक्षाएँ शुरू हो रही हैं, जो 3 अप्रैल तक चलेंगी। जिसमें जिले के 70 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएँ शामिल होंगे। परीक्षा के लिए 299 सेंटर बनाए गए हैं। निजी स्कूल जो एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर परीक्षा लेने की माँग कर रहे थे, उनके लिए हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जन शिक्षा केंद्र ने स्कूलों से विकल्प माँगा है ताकि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार पेपर तैयार हो सकें।
डीपीसी योगेश शर्मा ने बताया कि 1707 शासकीय तथा 616 निजी स्कूलों के विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। जिसमें कक्षा पाँचवीं में 33650 विद्यार्थी तथा कक्षा आठवीं में 32934 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। हालाँकि अभी यह संख्या और बढ़ सकती है इसके पीछे कारण यह है कि समग्र आईडी न होने की वजह से कुछ छात्रों की पोर्टल पर मैपिंग चल रही है। इस बार कुछ निजी स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिले में कुल 63 जन शिक्षा केन्द्र बनाए गए हैं और विभाग की गाइडलाइन के अनुसार एक जन शिक्षा केंद्र के अंतर्गत तीन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इस बार पर्यवेक्षक व केंद्राध्यक्ष बाहर के रहेंगे। विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए 2.30 घंटे का समय दिया गया है।
2010 तक हुई है बोर्ड परीक्षा
कक्षा पाँचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा वर्ष 2010 में बंद हो गई थी। आरटीई (शिक्षा का अधिकार) लागू होने के बाद वार्षिक मूल्यांकन शुरू हो गया था, जिसमें सभी विद्यार्थियों को पास कर दिया जाता था। जिससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे थे। इस बार 100 अंकों में से 60 फीसदी अंकों की लिखित परीक्षा कराई जाएगी। वहीं 20 अंक प्रोजेक्ट वर्क के मिलेंगे और 20 नंबर अर्धवार्षिक परीक्षा के दिए जाएँगे।
विकासखंड स्तर पर होगा मूल्यांकन
इस बार जन शिक्षा केंद्रों पर कॉपियाँ एकत्रित होंगी और विकासखंड स्तर पर ही मूल्यांकन होगा। दूसरी ओर नकल पर अंकुश लगाने के लिए भी विशेष टीमें गठित की गई हैं। जो स्कूलों में जाकर निरीक्षण करेंगी। डीपीसी ने बताया कि कई निजी स्कूलों ने मप्र के पाठ्यक्रम में परीक्षा लेने पर आपत्ति जरूर दर्ज कराई थी लेकिन अब उस पर भी निर्णय हो गया है।
Created On :   15 March 2023 11:39 PM IST