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कोर्ट के आदेश पर 105 अनधिकृत भूखंडों पर कार्रवाई
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जिलाधिकारी और प्रशासन को मां उमिया औद्योगिक सहकारी वसाहत पर 8 सप्ताह में नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता अनिल वडपल्लीवार द्वारा दायर याचिका में सोसायटी के अधिकार की 383.14 एकड़ जमीन के दुरुपयोग और अनधिकृत निर्माणकार्य कराने के आरोप थे। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने नासुप्र को अनधिकृत निर्माणकार्य गिराकर सोसायटी पर कार्रवाई की मांग की थी। याचिका विचाराधीन रहते नागपुर सुधार प्रन्यास ने जिम्मेदारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करा दी और मेट्रो रीजन विकास प्राधिकरण ने 105 भूखंड धारकों को अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने के नोटिस जारी कर दिए हैं।
8 सप्ताह में करना है अमल
हाईकोर्ट ने प्रशासन को 8 सप्ताह में कार्रवाई पूरी करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार मां उमिया औद्योगिक सहकारी वसाहत की मौजा कापसी, तिरोड़ा और आसोली की कुल 383.14 एकड़ जमीन का है। यह सारा क्षेत्र इंडस्ट्रियल एंड ट्रांसपोर्ट प्लाजा के लिए वर्ष 2000 में आरक्षित कर दी गई थी। इस स्कीम में मां उमिया उद्योगिक सहकारी वसाहत ने यहां ट्रांसपोर्ट प्लॉजा बनाने की पेशकश की थी। जिसके लिए उन्हें सरकार ने जमीन का उपयोग बदलने की भी अनुमति दी।
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याचिकाकर्ता का आरोप है कि सोसायटी ने भोले-भाले किसानों से जमीनें खरीद लीं, लेकिन कभी ट्रांसपोर्ट प्लॉजा बनाया ही नहीं। ट्रांसपोर्ट प्लाजा बनाने के लिए नासुप्र के साथ भी कोई एग्रीमेंट नहीं किया। सोसायटी ने यहां अनधिकृत निर्माणकार्य भी किया और क्षेत्र में बोर्ड लगाकर घोषणा की दी कि यह भूखंड नासुप्र द्वारा मंजूर है। याचिका में यह अनधिकृत निर्माणकार्य गिराने की प्रार्थना की गई थी। याचिकाकर्ता के ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा।
Created On :   19 March 2020 12:56 PM IST