फेक इनवाइस बनाकर चूना लगाने वालों पर कार्रवाई,नागपुर, मुंबई, औरंगाबाद और नाशिक की कंपनियां शामिल

Action against companies of nagpur, mumbai aurangabad and nashik for fake invoice
फेक इनवाइस बनाकर चूना लगाने वालों पर कार्रवाई,नागपुर, मुंबई, औरंगाबाद और नाशिक की कंपनियां शामिल
फेक इनवाइस बनाकर चूना लगाने वालों पर कार्रवाई,नागपुर, मुंबई, औरंगाबाद और नाशिक की कंपनियां शामिल

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फेक इनवाइस बनाकर करोड़ों रुपए का जीएसटी क्रेडिट लेने (चोरी करने) का मामला सामने आया है। वस्तु एवं सेवाकर अधिसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की नागपुर यूनिट करीब 3 माह से इस मामले पर कार्रवाई कर रही थी। राज्यभर में 58 कंपनियों के करीब 75 स्थानों की जांच की गई, जिसमें 10 हजार से अधिक फेक इनवाइस बनाकर 825 करोड़ रुपए का व्यवसाय दिखाकर 148 करोड़ रुपए की चोरी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) होने की पुष्टि हुई है।

ई-वे बिल पोर्टल की जांच की गई
जानकारी के अनुसार मुंबई में हाईड्रो कार्बन गैस बनाने वाली कंपनी, नागपुर और विदर्भ में आयरन स्टील (लोहा), एल्युमिनियम स्क्रैब, गैस चेंबर और ऑर्डिनेंस फैक्टरी के लिए सामान बनाने वाली करीब 12 कंपनियां एवं औरंगाबाद-नाशिक में आयरन स्टील  बनाने वाली करीब 40 कंपनियों पर कार्रवाई की गई। इसमें मुंबई की कंपनी ने करीब 107 करोड़ रुपए और नागपुर व विदर्भ की कंपनियों ने करीब 15 करोड़ का क्रेडिट लिया है।

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मामले में सामने आया कि इन्होंने फर्जी कंपनियों के माध्यम से उनके इनवाइस पर जीएसटी वसूल की, जबकि किसी भी प्रकार की सामग्री का क्रय-विक्रय नहीं हुआ। हजारों ट्रांजेक्शन में से इस पर प्रत्येक ट्रांजेक्शन को ई-वे बिल पोर्टल पर उनकी जांच की गई। मामलों में जिम्मेदार व्यक्तियों से लगातार पूछताछ में सामने आया कि ज्यादातर प्रकरण में उनको छोटी-छोटी रकम का लालच दिया गया, जिससे वह अपने नाम पर प्रोप्राइटरशिप फर्म और पार्टनरशिप फर्म को खाेलने की स्वीकृति दे दें, जिससे फेक इनवास के माध्यम से जीएसटी का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा सके।

वाहन भेजने फर्जी तरीका अपनाया
विशेष बात यह है कि जो सामान बेचा ही नहीं गया, उस पर जीएसटी का क्रेडिट लेने की पुष्टि तो हुई है, उस सामान को भेजने के लिए भी फर्जी तरीका अपनाया गया है। सामान को भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट में दिए गए नंबर में टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहनों की जानकारी सामने आई है, वहीं कुछ वाहन तो अस्तित्व में ही नहीं हैं।

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इनकी हुई गिरफ्तारी
फर्जी सिलिंग प्राइवेट लिमिटेड नागपुर के पवन विनोद लाल अकाउंट मैनेजर
मे. श्री श्याम स्टील नागपुर के दीपक रामस्वरूप अग्रवाल
अंबिका वेस्ट मैनेजमेंट प्रा. लि. अहमदनगर के दीपक अंबादास नागरगोजे
 प्रेसिसिअन पॉवर प्रोडक्ट औरंगाबाद के विकास भामबुर्डेकर

क्या कहते हैं आंकड़े
करीब 825 करोड़ रुपए के फर्जी ट्रांजेक्शन हुए।
करीब 148 करोड़ रुपए का क्रेडिट लिया गया।
58 कंपनियों ने करीब 10 हजार से अधिक फेक इनवाइस बनाए।
राज्य भर में करीब 75 जगह जांच हुई।
80 जिम्मेदार लोगों से करीब 140 स्टेटमेंट लिए गए।
मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ फरार हैं।
सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।

Created On :   23 Jan 2020 1:21 PM IST

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