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एक रेडियोलॉजिस्ट, उस पर इमरजेंसी ड्यूटी, सोनोग्राफी के लिए करना पड़ता है इंतजार
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। लंबे समय से यहां एक ही रेडियोलॉजिस्ट की सेवा मिल पा रही है। जिसके कारण मरीजों को सोनोग्राफी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार सोनोग्राफी विशेषज्ञ की ड्यूटी ओपीडी व इंमरजेंसी में लग जाती है। जिसके कारण उस अवधि में सोनोग्राफी का कार्य बंद ही रहता है। गौरतलब है कि पहले जिला चिकित्सालय में पहले दो रेडियोलॉजिस्ट पदस्थ थे। जिससे समय पर सोनोग्राफी हो जाती थी। लेकिन लगभग एक वर्ष से एक डॉक्टर ने रिजाइन दे दिया।
समय देने के बाद भी नहीं हो पाता
भर्ती मरीजों के अलावा डॉक्टर की राय के बाद बाहर के मरीजों को भी सोनोग्राफी कराई जाती है। अस्पताल में अब एक मात्र विशेषज्ञ डॉ. प्रजापति ही बचे हैं। जिनको सोनोग्राफी के अलावा कई बार इमरजेंसी ड्यूटी भी करनी पड़ जाती है। ऐसे में जिन मरीजों को जिस दिन का समय दिया जाता है। जब वे पहुंचते हंै तो पता चलता है कि आज डॉक्टर नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने रात के समय ड्यूटी की थी।
बाहर से आने वालों को परेशानी
सोनोग्राफी के लिए बाहर से आने मरीजों को अधिक परेशानी होती है। यहां उमरिया और अनूपपुर से भी लोग आते हैं। नौरोजाबाद से अपनी पत्नी को लेकर पहुंचे इरशाद ने बताया कि आज का समय दिया गया था। लेकिन पहले से इतनी लाइन लगी है। इसके एक हफ्ते पहले भी समय दिया गया था, लेकिन पता चला कि आज डॉक्टर अवकाश पर हैं।
पहले से सूचना कैसे मिले
बुढ़ार से अपनी बहन को लेकर आए सुंदर सिंह ने बताया कि आज वे तीसरी बार आए हैं। बहन को पेट में दिक्कत थी। डॉक्टर ने सोनोग्राफी के लिए लिखा था। दो बार आए तो पता चला कि आज नहीं हो पाएगा। उनका कहना था कि यदि अस्पताल में ऐसा टोल फ्री या अन्य नंबर जारी कर दिया जाए, जिससे मरीज पूछ सकें कि आज काम हो पाएगा कि नहीं।
बैठने तक की व्यवस्था नहीं
जिला चिकित्सालय में हर रोज औसतन 25 से 30 सोनोग्राफी होती है। सेंटर के सामने मरीज अपनी बारी का इंतजार करते हैं, लेकिन उनके बैठने के लिए कुर्सी आदि की व्यवस्था नहीं है। गर्भवती व बीमार मरीजों को जमीन पर ही बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। कई बार यहां कुर्सियां आदि रखवाई गई लेकिन गायब हो जाती हैं।
इनका कहना है
सोनोग्राफी में एक ही डॉक्टर के होने से परेशानी तो है। इमरजेंसी ड्यूटी उनकी तब लगती थी, जब डॉक्टर्स की कमी थी। अब ड्यूटी नहीं लगाई जाती। बैठक व्यवस्था बनाई जाएगी।
Created On :   11 Jun 2022 4:21 PM IST